Shivani Gupta
4 Oct 2025
Shivani Gupta
4 Oct 2025
Hemant Nagle
4 Oct 2025
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में किडनी फेल होने से बच्चों की मौत का मामला लगातार बढ़ रहा है। शनिवार को नागपुर में इलाज के दौरान डेढ़ साल की योगिता ठाकरे की मौत हो गई। बड़कुई गांव की रहने वाली योगिता पिछले 10 दिनों से एक निजी अस्पताल में भर्ती थी। उसे पेशाब न आने की समस्या थी। हालत बिगड़ने पर पहले परासिया अस्पताल ले जाया गया और फिर गंभीर स्थिति में नागपुर रेफर किया गया।
पिछले एक महीने में छिंदवाड़ा जिले में किडनी फेलियर की वजह से 11 बच्चों की मौत हो चुकी है। यह मामला पूरे प्रदेश में चिंता का विषय बन गया है।
सीएम ने इस घटना को बेहद दुखद बताते हुए कहा कि दोषियों को किसी भी हालत में छोड़ा नहीं जाएगा। उन्होंने मृतक बच्चों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। इस जहरीले कफ सिरप से सिर्फ छिंदवाड़ा ही नहीं, बल्कि बैतूल और अन्य जिलों में भी बच्चों की तबीयत बिगड़ी है। हालात गंभीर होने पर महाराष्ट्र से लगे जिलों के कुछ बच्चों को इलाज के लिए नागपुर भेजा गया है।
किडनी फेल से जान गंवाने वाले 11 बच्चों के नाम-
इस घटना के बाद सरकार की भूमिका भी सवालों में है। डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने पहले कहा था कि बच्चों की मौत सिरप से नहीं हुई। लेकिन बाद में सिरप पर बैन लगाते हुए स्वीकार किया कि इनमें जहरीले रसायन मिले हैं और जहां भी यह सिरप मिले, जब्त करने के निर्देश दिए गए।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोशली मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट शेयर कर लिखा- छिंदवाड़ा में Coldrif सिरप के कारण हुई बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद है। इस सिरप की बिक्री पूरे मध्य प्रदेश में बैन कर दी गई है। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
छिंदवाड़ा के परासिया ब्लॉक में वायरल फीवर के इलाज के लिए स्थानीय डॉक्टरों द्वारा सुझाए गए Coldrif कफ सिरप के सेवन के बाद बच्चों की हालत बिगड़ गई। उन्हें छिंदवाड़ा और नागपुर के अस्पतालों में भर्ती कराया गया, लेकिन कई बच्चों को बचाया नहीं जा सका। मृतकों में शिवम, विधि, अदनान, उसैद, ऋषिका, हेतांश, विकास, चंचलेश और संध्या शामिल हैं।
स्थानीय प्रशासन ने पहले ही Coldrif और Nextro-DS सिरप पर जिला-व्यापी प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद राज्य स्तर पर विशेष जांच टीम गठित की गई, जो सिरप के वितरण, आपूर्ति श्रृंखला और चिकित्सकों की भूमिका की गहन जांच कर रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) की टीम भी घटनास्थल पर पहुंची और सैंपल जांच में सहयोग कर रही है।
सिरप तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित श्रीसन फार्मास्यूटिकल यूनिट में तैयार किया गया था। जांच रिपोर्ट में पाया गया कि, सिरप में नॉन-फार्माकोपिया ग्रेड प्रोपिलीन ग्लाइकॉल का इस्तेमाल हुआ था। जिसमें डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) और एथिलीन ग्लाइकॉल के दूषित होने की आशंका थी। ये दोनों ही किडनी को नुकसान पहुंचाने वाले जहरीले पदार्थ हैं।
तमिलनाडु सरकार ने पूरे राज्य में Coldrif सिरप की बिक्री और उपयोग पर तुरंत रोक लगा दी। थोक और रिटेल दुकानों से स्टॉक को फ्रीज करने के आदेश दिए गए और कंपनी को स्टॉप प्रोडक्शन का ऑर्डर जारी कर मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस कैंसिल करने के लिए शो-कॉज नोटिस भेजा गया। मध्य प्रदेश सरकार ने भी इसी कड़ी में पूरे प्रदेश में सिरप पर बैन लगाया।
स्वास्थ्य विभाग ने अभिभावकों को चेतावनी दी है कि, किसी भी दवा को बिना डॉक्टर की सलाह के बच्चों को न दें। इसके साथ ही जिला स्तर पर 1,400 से अधिक बच्चों की स्क्रीनिंग अभियान शुरू किया गया है, ताकि संभावित प्रभावित बच्चों की समय पर पहचान की जा सके।