Shivani Gupta
17 Sep 2025
Shivani Gupta
17 Sep 2025
Peoples Reporter
17 Sep 2025
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17 Sep 2025
Mithilesh Yadav
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17 Sep 2025
भोपाल। मध्यप्रदेश की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना की ट्रेनें साढ़े तीन महीने से हरी झंडी के इंतजार में हैं। विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के पहले 10 अक्टूबर को अंतिम ट्रेन ब्यावरा (राजगढ़) से जगन्नाथ पुरी रवाना हुई थी उसके बाद नई सरकार बन गई लेकिन यात्रा का कार्यक्रम नहीं बना। नई सरकार ने प्रदेश के बुजुर्गों को अयोध्या दर्शन पर ले जाने का ऐलान किया है। संभवत: बजट सत्र के बाद नए सिरे से ट्रेनें संचालन का कार्यक्रम बनाया जा रहा है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि विधानसभा के बजट सत्र के बाद ही तीर्थ दर्शन योजना की ट्रेनों को हरी झंडी मिल पाएगी।
शीर्ष स्तर पर योजना के लिए निर्णय और कार्यक्रम को अंतिम रूप दिए जाने का इंतजार हो रहा है। 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद सरकार ने बुजुर्गों को अयोध्या दर्शन कराने का ऐलान किया है। विधानसभा चुनाव के पहले शिवराज सरकार ने 2 अगस्त से 10 अक्टूबर तक प्रदेश के अलग-अलग शहरों से तीर्थ दर्शन के लिए 29 ट्रेनें रवाना की थीं। इस दौरान लगभग साढ़े 18 हजार बुजुर्गों ने देश के विभिन्न तीर्थ क्षेत्रों की यात्रा की थी। पहली यात्रा इंदौर से रामेश्वरम के लिए रवाना की गई थी।
चर्चा है कि एक फरवरी से सरकार तीर्थ दर्शन योजना फिर से शुरू कर सकती है। हालांकि, अभी इस पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। इस यात्रा में बुजुर्ग तीर्थ यात्रियों को फ्लाइट से रामलला के दर्शन कराने ले जाने की भी योजना है।
बताया जाता है कि पिछली सरकार के दौरान कामाख्या देवी, काशी (वाराणसी), जगन्नाथपुरी, अयोध्या, हरिद्वार, शिर्डी के लिए 29 ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई गई थी। इन ट्रेनों के लिए विभाग को आवंटित बजट तो खर्च हो गया लेकिन अभी करीब 14 करोड़ रुपए इस मद का बचत में शेष है। अंतिम ट्रेन 10 अक्टूबर को गई थी।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत इस बार प्रदेश के बुजुर्गों को अयोध्या दर्शन कराने की योजना है। योजना के लिए बजट नया आवंटन भी होगा। इसके बाद योजना का डिटेल कार्यक्रम जारी किया जाएगा। - धर्मेंद्र लोधी, राज्यमंत्री संस्कृति और धर्मस्व विभाग मप्र.