Naresh Bhagoria
18 Nov 2025
Naresh Bhagoria
18 Nov 2025
Mithilesh Yadav
18 Nov 2025
Naresh Bhagoria
18 Nov 2025
इंदौर – लोग कहते है अजी नाम मे क्या रखा है लेकिन हम कहते है कि नाम में बहुत कुछ है। आप नाम बदल दो हमें कोई दिक्कत नहीं हमारे व्यापार व्यवसाय में जो दिक्कते आएँगी उसका क्या ? जिस मार्ग का नाम बदला उसका सभी ने स्वागत किया लेकिन उस स्वागत के साथ साथ उस इलाके के रहने वाले सभी व्यापारी से लेकर उस इलाके के रहवासियों को अब दिक्कते आएँगी ।कारण बड़ा छोटा सा निगम ने रातो रात शहर के राजवाड़े के समीप सालो पुरानी पीर गली नाम ही बदल दिए।
लेकिन इंदौर के राजवाड़े से लगे इस पीर गली का मतलब था इस जगह सालो से एक पीर मौलाना की मजार हैं जिस पर सभी धर्म के व्यक्ति माथा टेकते हैं सालो से बनी इस गली में जब भी उत्सव होता था तो सभी इस पर अपनी आस्था के पुष्प अर्पित करते थे लेकीन अचानक निगम ने कुछ दिनों पहले इसका नाम बदल कर वीर गली कर दिया इससे भी कोई दिक्कत नहीं लेकिन आप सोचे सालो पुरानी पीर गली आज वीर गली बन गई
व्यापारियों क्या कहना हैं-
पीर गली में जब पीपुल्स अपडेट की टीम ने इलाके के रहवासियों और व्यपारियो से चर्चा कि तो उनका कहना था कि सालो पुरानी इस गली में सभी लोग उस पीर बाबा की जमार पर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं कोई भी समाज उसे गलत नहीं मानता यह मानते है कि सभी में भगवान विराज मान हैं लेकिन वर्तमान में जिस तरह का माहोल है चाहे उसे किसी भी रूप में देखे । नाम परिवर्तन से किसी का कोई नुकसान नहीं हैं लेकिन वो धरातल से तकलीफे आएँगी उसका क्या.
व्यापारियों के बोर्ड पर जो पते थे उस पर बाकायदा पीर गली का पता लिखा हुआ था। जिससे उनके आने वाले ग्राहक से लेकर उनका आधार । जीएसटी नहीं बल्कि उनका गुमास्ता के लाइसेंस का नम्बर भी उसी पते पर रजिस्टर था। अब दिक्कत इतनी हैं कि रातो रात जो निगम द्वारा इसक नाम बदला है उसके बाद क्या निगम के अधिकारी व्यापारियों की मदद करेंगे या घंटो आधार आवर गुस्मता पर एड्रेस बदलवाने के लिए सभी को घंटो लाइन में खड़ा होना होगा। व्यापारियों का असम्जस हैं कि अब इसे पीर गली कहे या वीर गली ।
निगम आयुक्त बोले –
इस पुरे मामले को लरक जब चर्चा निगम आयुक्त शिवम वर्मा से चर्चा कि गई तो उसका कहना था कि जो भी हुआ हैं वो सम्बन्धित परक्रिया अपनाते हुए किया गया हैं. किसी भी नाम बदलवा का प्रस्ताव जनता और जनप्रतिनिधि के पास से आता हैं जिसके बाद निगम की एमआईसी की बैठक में प्रस्ताव आते है जिससे एमआईसी द्वारा प्रस्ताव पारित कर निर्णय लिया जाता हैं लेकिन यदि किसी व्यापारी व्यवसाई को दिक्कत आ रही अहिं तो वो निगम में सीधे मुझसे मिल सकते हैं