Garima Vishwakarma
30 Nov 2025
Shivani Gupta
29 Nov 2025
Mithilesh Yadav
28 Nov 2025
Garima Vishwakarma
27 Nov 2025
5 दिसंबर 2025 से पौष माह की शुरुआत हो रही है, जो 3 जनवरी 2026 की पूर्णिमा तक चलेगा। हिंदू धर्म में यह महीना धार्मिक, आध्यात्मिक और मानसिक शांति का सबसे महत्वपूर्ण समय माना जाता है। मान्यता है कि इस दौरान सत्संग, ध्यान, पूजा, दान और अच्छे कर्म करने से जीवन में सुख, सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
पौष महीना सूर्य देव की आराधना और साधना का विशेष समय है।
इस दौरान-
पौष माह में विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन या बड़े धार्मिक कार्य करना अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि ऐसे कार्यों का प्रभाव उलटा पड़ सकता है और जीवन में बाधाएं आ सकती हैं।
यह महीना नए व्यवसाय, निवेश या किसी बड़े प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए अनुकूल नहीं माना जाता। ऐसा करने से आर्थिक नुकसान या रुकावटें आने की आशंका रहती है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पौष माह में शरीर पर तेल की मालिश करने से स्वास्थ्य व ऊर्जा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
इस समय संयमित और सौम्य व्यवहार बेहद जरूरी माना गया है। क्रोध, कठोर वाणी और नकारात्मक सोच से रिश्तों में तनाव और घर में अशांति बढ़ सकती है।
तिल का दान: पवित्रता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक
सूर्य देव की पूजा: जीवन में प्रकाश, बल, स्वास्थ्य और मानसिक शांति मिलती है
देवी-देवताओं को नए अनाज का भोग: घर-परिवार में समृद्धि, सौभाग्य और शुभ परिणाम मिलता है
पौष माह का यह पवित्र समय सही आचरण, संयम और पूजा-पाठ के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है।