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Parliament Session : विपक्ष को PM मोदी का करारा जवाब, कहा- जब सामर्थ्य दिखाना था तो ये घोटालों में डूबे रहे

नई दिल्ली। लोकसभा में बजट सत्र के 8वें दिन बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब दिया। जयश्री राम के साथ मोदी ने अपना संबोधन शुरू किया। आदरणीय अध्यक्ष जी, यहां पर सभी माननीय सदस्यों ने इस चर्चा में हिस्सा लिया। हर किसी ने अपने-अपने आंकड़े दिए। अपने-अपने तर्क दिए। और अपनी रुचि-प्रवृति और प्रकृति के अनुसार सबने अपनी बातें रखीं। और जब इन बातों को गौर से सुनते हैं, उसे समझने का प्रयास करते हैं तो ये भी ध्यान में आता है कि किसकी कितनी क्षमता है, किसकी कितनी समझ है और किसका क्या इरादा है।

ये सारी बातें प्रकट होती ही हैं और देश भली भांति से उसका मूल्यांकन भी करता है। मैं देख रहा था कल, कुछ लोगों के भाषण के बाद पूरा ईको सिस्टम समर्थक उछल रहे थे। वे खुश होकर कहने लगे, ये हुई न बात।

भारत आजादी के सौ साल मनाएंगे : PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट की बात हो रही थी। आप जाकर घूम आइए। वहां हजारों युवा जो हथियार उठा लिए थे, वे मुख्य धारा में लौटे हैं। 9 साल में 7500 लोगों ने सरेंडर किया है। उन्होंने त्रिपुरा में परिवारों को दिए गए आवास का जिक्र किया और ये भी कहा कि नॉर्थ ईस्ट के हर कोने में सुख शांति है। पीएम ने कहा कि राजनीतिक विचारधारा में भिन्नता हो सकती है लेकिन ये देश अजर-अमर है। उन्होंने धैर्य से सुनने के लिए विपक्ष को भी धन्यवाद दिया और कहा कि आइए हम मिलकर चल पड़ें। ये संकल्प लें कि हम आजादी के सौ साल मनाएंगे और एक विकसित भारत बनाएंगे।

श्रीनगर में सिनेमाहॉल हाउसफुल चल रहे हैं : PM मोदी

राहुल गांधी पर नाम लिए बिना हमला बोलते हुए कहा कि जो लोग हाल ही में कश्मीर के लाल चौक पर तिरंगा फहराकर आए हैं, उन्होंने देखा होगा कि आज आप किस तरह बिना किसी बाधा के घूम-फिर सकते हैं। उन्होंने 90 के दशक को याद करते हुए कहा था कि मैं भी गया था। लाल चौक पर झंडा फहराने का संकल्प लेकर निकला था, तब आतंकियों ने विरोध में पोस्टर लगाए थे। तब मैंने कहा था कि हम भी देखते हैं किसने अपनी मां का दूध पिया है…. जो हमें रोकेगा… हम बिना बुलेट प्रूफ जैकेट के आएंगे और तिरंगा फहराएंगे। फैसला लाल चौक पर होगा। किसी ने तब कहा था कि जब गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराया जाता है तब आयुध का प्रदर्शन होता है, सलामी दी जाती है।

हमने कहा था कि हम जब तिरंगा फहरा रहे हैं, दुश्मन देश का बारूद भी हमें सलामी दे रहा है। उन्होंने कहा कि जो लोग तिरंगे को शांति के लिए खतरा बताते थे, वे भी आज तिरंगा यात्रा में शरीक हो रहे हैं। जब श्रीनगर के लाल चौक में तिरंगा फहराया, तब मीडिया के लोग सवाल करने लगे कि पहले यहां ऐसे नहीं होता था। आज वहां ऐसी शांति है कि वहां चैन से जा सकते हैं। अखबारों में खबर आई थी, जिस पर ध्यान नहीं गया होगा। लोग टीवी में चमकने की कोशिश में लगे थे। उसी समय श्रीनगर के अंदर दशकों बाद थिएटर हाउसफुल हो गए और अलगाववादी दूर-दूर तक नहीं दिख रहे थे।

लेट-लतीफी रेलवे की पहचान बन गई थी : PM मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि हम वर्षों से अंग्रेजों की बिछाई रेल लाइन पर निर्भर थे। देश में आज रेलवे का कायाकल्प हो रहा है। आज रेलवे की तस्वीर बदल रही है। पहले धक्का-मुक्की और लेट-लतीफी रेलवे की पहचान बन गई थी। वंदे भारत ट्रेन चल रही है। मेरे सार्वजनिक जीवन में 4-5 दशक हो गए हैं। मैं गांव-गांव से गुजरा हूं। समाज की प्रकृति से परिचित हूं। आज देश का हर सांसद वंदे भारत ट्रेन की मांग कर रहा है। एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशनों का कायाकल्प हो रहा है। एक्सप्रेस-वे, हाई-वे का जाल बिछ रहा है। 70 साल में 70 एयरपोर्ट बने थे अब अब 9 साल में 70 एयरपोर्ट बनें है। देश आधुनिक युग में चल रहा है।

सत्ता के सपने देखने वाले निराशा में डूबे लोगों को आत्मचिंतन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कल जो यहां बैठते थे, आज वे वहां जाकर भी फेल हुए और देश तेज गति से आगे बढ़ता जा रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि आज देश डिफेंस सेक्टर में भी एक्सपोर्ट कर रहा है।

अब एक जीबी डेटा की कीमत सिर्फ 10 रुपए है : PM मोदी

वोट बैंक की राजनीति ने देश के सामर्थ्य को नुकसान पहुंचाया है। मध्यम वर्ग को लंबे समय तक पूरी तरह नकार दिया गया। वह मानकर चला कि हमारा कोई नहीं। लेकिन हमारी सरकार की योजनाओं ने मध्यम वर्ग को लाभ पहुंचाया। 2014 ये पहले एक जीबी डेटा की कीमत 250 रुपए थी, आज सिर्फ 10 रुपए है। हमारे देश में एक नागरिक एवरेज 20 जीबी का इस्तेमाल करता है। उस हिसाब से 5,000 रुपए हर महीने बच रहा है। जन औषधि स्टोर पूरे देश में आकर्षण का कारण बने हैं। मध्यमवर्गीय परिवार में सीनियर सिटीजन को 2000 तक की दवा लेनी पड़ती है। आज 20 हजार करोड़ रुपए मध्यम वर्ग का जन औषधि के कारण बचा है।

वंचित वर्ग को लेकर चल रही सरकार : PM मोदी

प्रधानमंत्री ने दलित आदिवासियों की बात की। कहा-हमारी सरकार समाज के वंचित वर्ग को वरीयता के संकल्प को लेकर चल रही है। दशकों तक दलित, पिछड़े, आदिवासी जिस हालत में उन्हें छोड़ दिया गया था, वो सुधार नहीं आया। 2014 के बाद गरीब कल्याण योजनाओं का सर्वाधिक लाभ इन्हीं परिवारों को मिला है। इनकी बस्तियों में पहली बार बिजली पहुंची है। मीलों तक पानी के लिए जाना पड़ता था। पहली बार नल से जल पहुंच रहा है। अनेक परिवार पहली बार पक्के घर में जा पाए हैं।

जो बस्तियां आपने छोड़ दी थीं, आपके लिए चुनाव के समय जिसकी याद आती थी, आज उनमें सड़क, बिजली, पानी और 4जी कनेक्टिविटी भी पहुंच रही है। पूरा देश गौरव कर रहा है, आज एक आदिवासी को जब राष्ट्रपति के रूप में देखते हैं तो पूरा देश गौरवगान करता है। आदिजाति समूह के नर-नारियों का पुण्यस्मरण हो रहा है। गौरव दिवस मनाया जा रहा है।

गालियों से नहीं भेद सकते देशवासियों का कवच : PM मोदी

आपकी गालियां, आपके आरोपों को इन कोटि-कोटि भारतीयों से होकर गुजरना पड़ेगा, जिन्हें दशकों तक तुमने जिंदगी जीने के लिए मजबूर किया था। कुछ लोग अपने लिए अपने परिवार के लिए जी रहे हैं। मोदी तो 25 करोड़ देशवासियों के परिवार का सदस्य है। 140 करोड़ देशवासियों का आशीर्वाद मेरा सबसे बड़ा सुरक्षाकवच है और गालियों के शस्त्रों, झूठ के शस्त्रों से इस कवच को तुम भेद नहीं सकते हो।

मोदी पर भरोसा अखबार की सुर्खियों से नहीं आया

पीएम मोदी ने कहा- मोदी पर भरोसा अखबार की सुर्खियों से पैदा नहीं हुआ है। टीवी पर चमकते चेहरों से नहीं हुआ है। जीवन खपा दिया है। पल-पल खपा दिया है। देश के लोगों के लिए खपा दिया है। देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए खपा दिया है। जो देशवासियों का मोदी पर भरोसा है, ये इनकी समझ के दायरे से बाहर है। समझ के दायरे से भी काफी ऊपर है। क्या ये झूठे आरोप लगाने वालों पर, मुफ्त राशन प्राप्त करने वाले 80 करोड़ देशवासी कभी उन पर भरोसा करेंगे क्या। वन नेशन वन राशन कार्ड, देश भर में कहीं पर भी गरीब से गरीब को भी अब राशन मिल जाता है। वो आपकी झूठी बातों पर, आपके गलीच आरोपों पर कैसे भरोसा करेगा।

11 करोड़ किसानों के खाते में पैसा जमा हो रहा है, वो आपके झूठे आरोपों पर विश्वास कैसे करेगा। जो कल फुटपाथ पर जिंदगी जीने के लिए मजबूर था, ऐसे तीन करोड़ से ज्यादा लोगों को पक्के घर मिले हैं। उनको तुम्हारी झूठी बातों पर क्यों भरोसा होगा। 9 करोड़ लोगों को मुफ्त गैस का कनेक्शन मिला। वो आपके झूठ को कैसे स्वीकार करेगा। 11 करोड़ बहनों को इज्जतघर मिला है। वो आपके झूठ को कैसे स्वीकार करेगा। 8 करोड़ परिवारों को नल से जल मिला है, वो माताएं तुम्हारे झूठ को कैसे स्वीकार करेंगी। आयुष्मान भारत योजना से दो करोड़ परिवारों को मदद पहुंची है। जिंदगी बच गई है उनकी, मुसीबत के समय मोदी काम आया है। तुम्हारी गालियों को वो कैसे स्वीकार करेगा।

कांग्रेस की बातों में खुद ही विरोधाभार : PM मोदी

ये लोग बिना सर पैर की बातें करने के आदी होने के कारण ये भी याद नहीं रहता है कि खुद का कितना विरोधाभास रहता है। हो सकता है कि आत्मचिंतन करके खुद का विरोधाभास भी ठीक करेंगे। 2014 से ये लगातार कोस रहे हैं कि भारत कमजोर हो रहा है… भारत की कोई सुनने को कोई तैयार नहीं है। अब कह रहे हैं… भारत इतना मजबूत हो गया है कि दूसरे देशों के फैसले करवा रहा है। अरे पहले ये तो तय करो कि भारत कमजोर हुआ है कि मजबूत हुआ है

कांग्रेस की बर्बादी पर हॉर्वर्ड में होगी स्टडी : PM मोदी

यहां कुछ लोगों का हॉर्वर्ड स्टडी का बड़ा क्रेज है। कोरोना काल में कांग्रेस ने कहा था कि भारत की बर्बादी पर हॉर्वर्ड में स्टडी होगी। कल फिर सदन में हॉर्वर्ड यूनिवर्सिटी में स्टडी की बात हुई। बीते वर्षों में हॉर्वर्ड में एक बहुत बढ़िया स्टडी हुई है। उसका टॉपिक क्या था… द राइज एंड डिक्लाइन ऑफ इंडियाज कांग्रेस पार्टी! ये स्टडी हो चुकी है। और मुझे विश्वास है कि भविष्य में कांग्रेस की बर्बादी पर सिर्फ हॉर्वर्ड नहीं बड़े-बड़े विश्वविद्यालय पर अध्ययन होना है।

कांग्रेस को लेकर दुष्यंत कुमार का नाम लेकर कहा- तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीं नहीं। कमाल ये है… कि फिर भी तुम्हें यकीन नहीं।

ईडी ने इन्हें एक मंच पर ला दिया : PM मोदी

सदन में भ्रष्टाचार की जांच करने वाली एजेंसियों के बारे में बहुत कुछ कहा गया। बहुत सारे विपक्ष के लोग इस विषय में सुर में सुर मिला रहे थे। मुझे लगता था कि देश की जनता, देश के चुनाव के नतीजे ऐसे लोगों को जरूर एक मंच पर लाएंगे। वो तो हुआ नहीं। इन्हें ईडी का धन्यवाद करना चाहिए कि उसने इन्हें एक मंच पर ला दिया। जो काम देश के वोटर नहीं कर पाए, वो ईडी ने कर दिखाया।

9 साल आलोचना नहीं आरोपों में गंवा दिए : PM मोदी

आलोचना एक प्रकार से लोकतंत्र की मजबूती के लिए एक शुद्धि यज्ञ है। उस रूप में हम आलोचना को देखते हैं। लेकिन दुर्भाग्य से बहुत दिनों से इंतजार कर रहा हूं, कोई तो मेहनत करके आएगा कि देश को कुछ लाभ हो। लेकिन 9 साल इन्होंने आलोचना नहीं आरोपों में गंवा दिए। चुनाव हार जाओ, ईवीएम खराब, चुनाव आयोग को गाली दो। कोर्ट में फैसला पक्ष में नहीं आया तो सुप्रीम कोर्ट की आलोचना कर दो।

जेपीसी, जेपीसी के नारे लगे। अगर भ्रष्टाचार की जांच हो रही है, जांच एजेंसियों को गाली दो। सेना पराक्रम करे, शौर्य दिखाए और वो नेरेटिव देश के जन-जन के अंदर एक नया विश्वास पैदा करे तो सेना की आलोचना करो। सेना को गाली दो। कभी आर्थिक प्रगति की खबरें आएं, विश्व के सारे संस्थान भारत के आर्थिक गौरवगान करें तो आरबीआई को गाली दो।

ताकत दिखाने अवसर था, तब हेलिकॉप्टर घोटाले हुए : PM मोदी

मोदी की इस बात को सुनकर वी वॉन्ट जेपीसी के नारे लगे। अध्यक्ष ने कहा- आप बिना तथ्यों के बोलते हैं और सुनते नहीं हैं। हंगामे के बीच फिर मोदी ने बोलना शुरू किया। कहा- जब ऊर्जा की सबसे ज्यादा जरूरत थी तक भारत की चर्चा ब्लैकआउट को लेकर थी। कोयला घोटाला चर्चा में आ गया। 2008 के हमलों को कोई भूल नहीं सकता है। लेकिन आतंकवाद की आंख में आंख डालकर हमला करने का सामर्थ्य नहीं था। इससे आतंकियों के हौसले बुलंद हुए। निर्दोषों का खून बहता रहा। जब LOC, LAC पर भारत की ताकत की सामर्थ्य दिखाने अवसर था, तब हेलिकॉप्टर घोटाले हुए। सत्ता के लोग इसमें चिह्नित हुए।

2014 के पहले का जो दशक था, वह लॉस्ट डेकेड के रूप में जाना जाएगा। 2030 का दशक पूरे विश्व के लिए इंडिया का दशक है।

यूपीए ने हर मौके को मुसीबत में पलटा : PM मोदी

इन्होंने बेरोजगारी दूर करने के नाम पर कानून बना दिया था। पल्ला झाड़ लिया। 2004 से 2014 आजादी के इतिहास में सबसे घोटालों का दशक रहा। यूपीए के वो 10 साल, कश्मीर से कन्याकुमारी भारत के हर कोने में आतंकवादी हमलों का सिलसिला चलता रहा। हर नागरिक असुरक्षित था। 10 साल में जम्मू-कश्मीर से लेकर नॉर्थ ईस्ट तक हिंसा का शिकार हो गया था। 10 साल में भारत की आवाज ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर इतनी कमजोर थी कि दुनिया सुनने तक को तैयार नहीं थी।

इनकी निराशा का कारण ये भी है कि यूपीए ने हर मौके को मुसीबत में पलट दिया। जब इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी का युग बदल रहा था, उसी समय ये 2जी में फंसे रहे। मौका… मुसीबत में। सिविल न्यूक्लियर डील की चर्चा थी, तो ये कैश फॉर वोट में फंसे रहे। ये खेल चले। 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स हुए। भारत को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का अवसर था। लेकिन फिर मौका मुसीबत में और CWG घोटाले में पूरा देश दुनिया में बदनाम हो गया।

काका हाथरसी की कविता से दिखाया सीन…

हर क्षेत्र में हमारे, बेटों-बेटियों ने शानदार प्रदर्शन किया है। देश में हर क्षेत्र में, हर सोच में आशा ही आशा नजर आ रही है। एक विश्वास से भरा हुआ देश है। सपने और संकल्प लेकर चलने वाला देश है, लेकिन यहां कुछ लोग ऐसे निराशा में डूबे हैं…

काका हाथरसी ने कहा था- आगा पीछा देखकर, क्यों होते गमगीन, जैसी जिसकी भावना वैसा दिखे सीन! आखिर निराशा के पीछे कारण है। जनता का हुकुम, बार-बार हुकुम… लेकिन साथ-साथ इस निराशा के पीछे जो अंतर्मन में पड़ी चीज है वो चैन से सोने नहीं देती है। पिछले 10 साल में 2014 के पहले 2004 से 2014 तक भारत की अर्थव्यवस्था खस्ताहाल हो गई। निराशा नहीं होगी तो क्या होगा। 10 साल में महंगाई डबल डिजिट रही। और इसीलिए कुछ अगर अच्छा होता है तो निराशा और उभरकर आती है।

9 साल में भारत में 90 हजार स्टार्टअप्स आए : PM मोदी

पिछले 9 वर्ष में भारत में 90 हजार स्टार्टअप्स आए। आज इस मामले में हम दुनिया में तीसरे नंबर पर पहुंच चुके हैं। भारत के युवा सामर्थ्य की पहचान ये स्टार्टअप्स बन रहे हैं। इतने कम समय में 108 यूनिकॉर्न बने। 1 यूनिकॉर्न का मतलब होता है कि उसकी वैल्यू 6-7 हजार करोड़ से ज्यादा होती है। ये देश के नौजवानों ने करके दिखाया है। आज भारत मोबाइल मेन्युफैक्चरिंग में दुनिया का दूसरा देश बना है। घरेलू विमान यात्री की संख्या में हम विश्व में तीसरे नंबर पर हैं। भारत एनर्जी कंजम्पशन में दुनिया में तीसरे नंबर पर है। रिन्युएबल एनर्जी की कैपेसिटी में हम दुनिया में चौथे नंबर पर, खेल में हमारी पूछ नहीं होती थी। आज खेलों में हर स्तर पर भारत के खिलाड़ी रुतबा दिखा रहे हैं।

एजुकेशन समेत हर क्षेत्र में भारत आगे बढ़ रहा है। पहली बार हायर एजुकेशन में एनरोलमेंट वालों की संख्या 4 करोड़ से ज्यादा हुई है। बेटियों की भागीदारी बराबर हो रही है। इंजीनियरिंग, मेडिकल कॉलेज, प्रोफेशनल कॉलेजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में आगे बढ़ रहा है भारत : PM मोदी

एक समय था जब छोटी तकनीक के लिए भी दूसरे की तरफ देखता था। दुनिया के कई देश वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट नहीं दे पाते हैं। हमारा कोविन सबको सर्टिफिकेट दे रहा है। कोरोना काल खंड ने सप्लाई चेन को प्रभावित किया है, लेकिन भारत इसी दिशा में आगे बढ़ रहा है। मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में आगे बढ़ रहा है। दुनिया भारत की समृद्धि में अपनी समृद्धि देख रही है। लेकिन निराशा में डूबे हुए कुछ लोग इस देश की प्रगति को स्वीकार ही नहीं कर पा रहे हैं। उन्हें भारत के लोगों की उपलब्धियां नहीं दिख रही हैं। लेकिन कुछ लोगों को ये बातें समझ नहीं आएंगी।

एक सेकंड में हजारों करोड़ रुपए ट्रांसफर हो जाते हैं : PM मोदी

आज भारत का डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर ने जिस तेजी से आधुनिकता का बदलाव किया है। पूरा विश्व इसका अध्ययन कर रहा है। मैं पिछले दिनों बाली में था। पूरी दुनिया में हमारी वाहवाही हो रही थी कि भारत ये कैसे कर रहा है। दुनिया के करोड़ों देश अपने नागरिकों को आर्थिक मदद पहुंचाना चाहते थे। नोट छापते थे, लेकिन बांट नहीं पाते थे, लेकिन हमारे यहां एक सेकंड में हजारों करोड़ रुपए ट्रांसफर हो जाते हैं।

करोड़ों नागरिकों को मुफ्त वैक्सीन लगाई : PM मोदी

आज दुनिया की हर विश्वसनीय संस्था, सारे एक्सपर्ट जो वैश्विक प्रभावों का बहुत गहराई से अध्ययन करते हैं, उन सबको आज भारत के प्रति बहुत आशा है, विश्वास है और बहुत मात्रा में उमंग भी है। ये सब ऐसे ही नहीं है।

आज पूरी दुनिया भारत की तरफ आशा भरी नजरों से देख रही है। इसका कारण है भारत में आई स्थिरता, वैश्विक साख और भारत में बन रही नई संभावनाओं में। इस कोरोना काल में मेड इन वैक्सीन तैयार हुई। भारत ने दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान चलाया। इतना ही नहीं, अपने करोड़ों नागरिकों को मुफ्त वैक्सीन लगाई। 150 से ज्यादा देशों को संकट के समय हमने जहां जरूरत थी वहां दवाई पहुंचाई। वैक्सीन पहुंचाई। आज विश्व के कई देश हैं जो भारत के विषय में इस बात पर बड़े गौरव से विश्व के मंच पर धन्यवाद करते हैं।

भारत को जी-20 की अध्यक्षता का मौका मिला है : पीएम

आज पूरे विश्व में भारत को लेकर एक आशा है, भरोसा है। ये भी खुशी की बात है कि आज भारत को जी-20 की अध्यक्षता का मौका मिला है। ये देश के लिए गर्व की बात है। 140 करोड़ देशवासियों के लिए गौरव की बात है, लेकिन मुझे लगता है कि शायद इससे भी कुछ लोगों को दुख हो रहा है।

अनेकों देशों में अस्थिरता का माहौल है : पीएम

पीएम मोदी ने कहा कि  सदन में नोकझोंक, टीका-टिप्पणी तो होती रहती है, लेकिन ये नहीं भूलना चाहिए कि आज हम गौरव के क्षण जी रहे हैं। इतनी बड़ी महामारी, युद्ध के विनाश, बंटा हुआ विश्व, अनेकों देशों में अस्थिरता का माहौल है। कई देशों में भीषण महंगाई है। बेरोजगारी, खाने-पीने का संकट और हमारे अड़ोस-पड़ोस में भी जिस प्रकार से हालत बनी हुई है, ऐसी स्थित में कौन हिंदुस्तानी इस बात पर गर्व नहीं करेगा कि ऐसे समय में भी देश दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था है। 140 करोड़ देशवासियों का सामर्थ्य चुनौतियों से भी ज्यादा मजबूत है।

समस्याओं के समाधान का माध्यम बन रहा भारत : पीएम

राष्ट्रपति जी के शब्द कोट करते हुए मोदी ने कहा- जो भारत कभी अपनी अधिकांश समस्याओं के समाधान के लिए दूसरों पर निर्भर था, वहीं आज दुनिया की समस्याओं के समाधान का माध्यम बन रहा है। जिन मूल सुविधाओं के लिए देश की बड़ी आबादी ने दशकों तक इंतजार किया, वे इन वर्षों में मिली हैं। बड़े घोटालों, योजनाओं में भ्रष्टाचार से देश जो मुक्ति चाहता था, वह मुक्ति अब देश को मिल रही है।

माननीय अध्यक्ष जी, मैं 140 करोड़ देशवासियों का आभारी हूं कि इन बातों को पूरे सदन में स्वीकृति मिली है। इससे बड़ा गौरव का विषय क्या होगा

नफरत का भाव बाहर आ गया : पीएम

जब इस प्रकार की बातें टीवी के सामने कही गईं तो भीतर पड़ा हुआ नफरत का भाव बाहर आ गया। ठीक है बाद में चिट्ठी लिखकर बचने की कोशिश तो की गई है। जब राष्ट्रपति जी के भाषण पर चर्चा मैं सुन रहा था तो मुझे लगा कि बहुत सी बातों को मौन रहकर भी स्वीकार किया गया है। लगा कि राष्ट्रपति के भाषण के प्रति किसी को ऐतराज नहीं है। किसी ने आलोचना नहीं की।

शायद नींद भी अच्छी आई होगी : पीएम

राहुल गांधी का नाम लिए बिना मोदी ने कहा- शायद नींद भी अच्छी आई होगी। शायद आज उठ भी नहीं पाए होंगे। ऐसे लोगों के लिए कहा गया है कि ये कह-कहकर हम दिल को बहला रहे हैं… वो अब चल चुके हैं, वो अब आ रहे हैं। एक महामहिम राष्ट्रपति के प्रति अपमान भी कर चुके होंगे।

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