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Uttarakhand Forest Fire : धधकते जंगल को बचाने बुलाई गई सेना, नैनीताल की हाईकोर्ट कॉलोनी तक पहुंचीं लपटें

नैनीताल। उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग बेकाबू हो गई है। चार दिन से लगी आग की लपटें नैनीताल में हाईकोर्ट कॉलोनी तक पहुंच गई हैं। गर्मी की वजह से आग लगातार विकराल रूप लेती जा रही है। वन विभाग के कर्मचारियों, फायर ब्रिगेड, पुलिस के साथ-साथ सेना के जवान भी आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं। आग बुझाने के लिए एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर को बुलाया गया। एयरफोर्स के MI-17 हेलिकॉप्टर ने भीमताल झील से पानी भरकर पैंसठ क्षेत्र में छिड़काव किया। वहीं आग से उठ रहे धुएं में आसपास के लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है।

गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के जंगलों में भी लगी आग

जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार को उत्तराखंड में 31 बड़ी आग लगने की घटनाएं हुई हैं। इनमें सबसे बड़ा मामला नैनीताल का सामने आया, जहां हाईकोर्ट की कॉलोनी के आसपास आग पहुंच गई। इससे पहले भी 2019 और 2021 में आग लगी थी, उस समय भी आग बुझाने के लिए MI-17 हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल किया गया था।

गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के जंगलों में भी आग लगी है। गढ़वाल मंडल के चमोली, रुद्रप्रयाग उत्तरकाशी, पौड़ी और टिहरी, देहरादून के जंगलों में लगातार आग बेकाबू हो रही है। इन क्षेत्रों में ज्यादातर चीड़ के जंगल होने के कारण गर्मी की वजह से आग तेजी से फैल रही है। वहीं कुमाऊं मंडल के नैनीताल, बागेश्वर अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ क्षेत्र में भी जंगलों में आग की कई घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे जंगल जल रहे हैं।

इस साल जंगलों में 575 घटनाएं

जंगलों में लग रही आग की घटनाओं को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार (27 अप्रैल) को दोपहर करीब 3:30 बजे फॉरेस्ट ट्रेंनिंग एकेडमी में बैठक बुलाई है। हाल ही में सीएम ने वन विभाग के अधिकारियों को आग की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए थे। बता दें कि, इस साल पूरे उत्तराखंड में जंगलों में 575 घटनाएं सामने आ चुकी है, जिसमें 690 हेक्टेयर के करीब जंगल जल गया है। इसकी वजह से करीब 14 करोड़ 41 लाख के नुकसान का अनुमान है।

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