नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने वर्ष 2025 के लिए प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कारों की घोषणा की। इस साल राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कुल 139 हस्तियों को इन सम्मानों के लिए मंजूरी दी है। इसमें 7 पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण और 113 पद्म श्री पुरस्कार शामिल हैं। इस वर्ष 23 महिलाओं, 10 विदेशी नागरिकों (एनआरआई, पीआईओ, ओसीआई) और 13 मरणोपरांत पुरस्कारों को भी शामिल किया गया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विजेताओं को बधाई देते हुए उनकी उपलब्धियों को प्रेरणादायक बताया।
पद्म विभूषण सम्मानित हस्तियां
दुव्वुर नागेश्वर रेड्डी - चिकित्सा क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान।
कुमुदिनी रजनीकांत लाखिया - कला के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान।
लक्ष्मीनारायण सुब्रमण्यम - कला के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान।
एमटी वासुदेवन नायर (मरणोपरांत) - साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान।
शारदा सिन्हा (मरणोपरांत) - भोजपुरी संगीत में अतुलनीय योगदान।
जस्टिस (सेवानिवृत्त) जगदीश सिंह खेहर - सार्वजनिक मामलों में योगदान।
ओसामु सुजुकी (मरणोपरांत) - कारोबार और उद्योग के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान।
पद्म भूषण सम्मानित हस्तियां
बिबेक देबरॉय - साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान।
सुशील मोदी - सार्वजनिक मामलों में उनकी सेवाएं।
मनोहर जोशी (मरणोपरांत) - सार्वजनिक मामलों में योगदान।
ए सूर्य प्रकाश - साहित्य एवं शिक्षा-पत्रकारिता में योगदान।
रामबहादुर राय - साहित्य एवं शिक्षा-पत्रकारिता में योगदान।
अनंत नाग - कला के क्षेत्र में योगदान।
जतिन गोस्वामी - कला में उनकी सेवाएं।
नंदमुरी बालकृष्ण - कला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान।
पंकज उधास (मरणोपरांत) - कला में अतुलनीय योगदान।
एस अजित कुमार - कला के क्षेत्र में योगदान।
शेखर कपूर - कला में योगदान।
शोभना चंद्रकुमार - कला के क्षेत्र में योगदान।
जोस चाको पेरियाप्पुरम - चिकित्सा क्षेत्र में योगदान।
कैलाश नाथ दीक्षित - पुरातत्व क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान।
नल्ली कुप्पुस्वामी चेट्टी - कारोबार एवं उद्योग में योगदान।
पंकज पटेल - कारोबार और उद्योग में योगदान।
पीआर श्रीजेश - खेल के क्षेत्र में योगदान।
साध्वी ऋतंभरा - सामाजिक कार्य में योगदान।
विनोद धाम - विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में योगदान।
पद्म श्री सम्मानित कुछ हस्तियां
लीबिया लोबो सरदेसाई (गोवा) - स्वतंत्रता आंदोलन में अहम भूमिका।
गोकुल चंद्र डे (पश्चिम बंगाल) - ढाक वाद्य यंत्र में अतुलनीय योगदान।
सैली होलकर (82 वर्ष) - महिला सशक्तिकरण के लिए काम।
बतूल बेगम (राजस्थान) - लोकगायन में योगदान।
डॉ. नीरजा भटला (दिल्ली) - स्त्री रोग विशेषज्ञ।
हरिमन शर्मा (हिमाचल प्रदेश) - कृषि क्षेत्र में योगदान।
भीम सिंह भावेश - सामाजिक कार्य में योगदान।
शेख एजे अल सबा (कुवैत) - योग के प्रचार-प्रसार में योगदान।
जोनास मैसेट (ब्राजील) - वेदांत दर्शन के प्रचार-प्रसार में योगदान।