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अब थानों में लिखा-पढ़ी हिन्दी में होगी

पुलिस मुख्यालय का सर्कुलर जारी, अंग्रेजों के जमाने की शब्दावली बदलेगी

ग्वालियर। मध्यप्रदेश के थानों में अब हिन्दी में लिखा-पढ़ी होगी। उर्दू और फारसी अब दूर की कौड़ी होगी। पुलिस मुख्यालय ने अंग्रेजों के जमाने से चल रहे 69 उर्दू और फारसी के शब्दों को नमस्ते कर उनकी जगह हिन्दी के शब्दों को शामिल किया है। हस्वजैल, खून आलूदा और ताजिरात ए हिन्द जैसे उर्दू और फारसी के शब्द पुलिस के शब्दकोश में इतिहास की बात हो जाएंगे। दरअसल पुलिस महकमा तो रोजाना इन शब्दों से दो-चार होता है लेकिन इन शब्दों का अर्थ कई बार पढ़ा-लिखा इंसान भी नहीं समझ पाता।

दरअसल दो साल पहले से इन शब्दों को हटाकर उनके हिन्दी अर्थ पुलिस शब्दावली में शामिल किए जाने की अनुशंसा अपर सचिव मध्यप्रदेश शासन राजेश राजौरा ने की थी। इसे लेकर उन्होंने डीजीपी मध्यप्रदेश को पत्र लिखा था। इस दो साल पुराने पत्र को अब दोबारा पुलिस मुख्यालय अपराध अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक पवन श्रीवास्तव ने जारी किया है।

69 शब्द बदलेंगे: पुलिस के शब्दकोश से 69 शब्दों का अब हिन्दी भाषा में इस्तेमाल होगा। इसमें हस्वजैल की जगह उपरोक्त के अनुसार, खून आलूदा की जगह रक्त से रंजित, इमदाद की जगह मदद और ताजिरात ए हिन्द की जगह भारतीय दंड संहिता लिखा जाएगा।

पुलिस शब्दकोश में उर्दू और फारसी के शब्दों को हटाकर हिन्दी का इस्तेमाल स्वागत योग्य है। उससे कानून में कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा। बस आमजन को अब समझने में आसानी होगी। – कमल मंगल, एडवोकेट हाईकोर्ट मप्र

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