Manisha Dhanwani
22 Dec 2025
मॉस्को। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रूस तेल वाले बयान के बाद अब रूस के उप-प्रधानमंत्री एलेक्जेंडर नोवाक का भी बयान आ गया है। एलेक्जेंडर नोवाक ने कहा कि हमारे साझेदार भारत ने लगातार घोषणा की है, कोई उन पर हुक्म नहीं चला सकता और वे अपना रास्ता स्वयं चुनेंगे। यही हमारे रिश्ते की कसौटी है। बता दें कि, यह बयान राष्ट्रपति ट्रंप के भारत के रूस तेल के निर्यात पर टिप्पणी करते हुए दिया गया है।
उप-प्रधानमंत्री एलेक्जेंडर नोवाक ने कहा, मुझे विश्वास है कि हमारे साझेदार हमारे साथ काम करना जारी रखेंगे। हमारे ऊर्जा संसाधनों की मांग है, यह आर्थिक रूप से लाभदायक और व्यावहारिक है। उन्होंने बताया कि, भारत ने अब तेल का भुगतान चीन की मुद्रा युआन में करना शुरू कर दिया है हालांकि अब भी ज्यादातर भुगतान रूबल में ही हो रहा है। भारत ने सितंबर में रूस से 25597 करोड़ रुपये का तेल खरीदा है जो चीन के मुकाबले कम है।
भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा है कि रूस के साथ भारत के ऊर्जा संबंध पूरी तरह से नई दिल्ली के राष्ट्रीय हितों के अनुरूप हैं। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के बीच समग्र द्विपक्षीय व्यापार लगातार मजबूत हो रहा है। जब उनसे पूछा गया कि ट्रंप की हालिया टिप्पणियों को देखते हुए क्या भारत रूसी कच्चे तेल की खरीद जारी रखेगा, तो उन्होंने कहा कि इस पर निर्णय लेना भारत सरकार का विषय है। भारत इस मसले को अपने राष्ट्रीय हितों के आधार पर संभाल रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत के कुल हाइड्रोकार्बन आयात में रूस से आने वाले कच्चे तेल की हिस्सेदारी करीब एक-तिहाई है।
अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि और राष्ट्रपति ट्रंप के व्यापार सलाहकार जैमीसन ग्रीर ने पहले कहा था कि भारत अपने फैसले खुद लेता है और अमेरिका किसी भी देश को यह निर्देश नहीं दे रहा कि उन्हें किसके साथ संबंध रखने चाहिए। एक चर्चा के दौरान ग्रीर ने कहा कि भारत ने हमेशा रूस से इतने बड़े पैमाने पर तेल नहीं खरीदा है। रूस के साथ भारत के रिश्ते लंबे समय से मजबूत रहे हैं, लेकिन पिछले दो से तीन वर्षों में भारत ने रूस से सस्ता तेल सिर्फ उपभोग के लिए ही नहीं, बल्कि रिफाइनिंग और आगे बेचने के लिए भी खरीदना शुरू किया है।