Shivani Gupta
8 Oct 2025
उज्जैन स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर की तीसरी मंजिल पर विराजमान भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन आम श्रद्धालुओं को वर्ष में केवल एक बार, नागपंचमी के दिन, 24 घंटे के लिए कराए जाते हैं। इस वर्ष मंदिर के पट 28 जुलाई की रात 12 बजे खोले जाएंगे और 29 जुलाई की रात 12 बजे बंद कर दिए जाएंगे।
पट खुलने के बाद महानिर्वाणी अखाड़ा के महंत विनितगिरी महाराज द्वारा भगवान नागचंद्रेश्वर का त्रिकाल पूजन संपन्न किया जाएगा। इसके उपरांत रात करीब 1 बजे से श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। 29 जुलाई को दोपहर 12 बजे फिर से विशेष पूजन किया जाएगा, जिसमें महाकाल मंदिर के पुजारीगण और प्रशासनिक अधिकारी भी भाग लेंगे।
श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर में स्थापित प्रतिमा 11वीं शताब्दी की मानी जाती है, जो अपनी दुर्लभता और शिल्प सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। इसमें भगवान शिव, सात फनों वाले नाग पर आसीन हैं। उनके साथ माता पार्वती, कार्तिकेय, श्री गणेश, नंदी, सिंह तथा सूर्य-चंद्र की आकृतियाँ भी उकेरी गई हैं। ऐसी प्रतिमा विश्व में केवल उज्जैन में ही मौजूद है, और मान्यता है कि यह प्रतिमा नेपाल से लाई गई थी।
इस वर्ष नागचंद्रेश्वर मंदिर के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को व्यवस्थित मार्ग से ले जाया जाएगा।
महाकाल लोक के नंदी द्वार से श्रद्धालु प्रवेश करेंगे। वहां से मानसरोवर भवन होते हुए टनल मार्ग से कार्तिकेय मंडपम तक पहुंचेंगे। नीचे उतरने पर गणेश मंडपम से भगवान महाकाल के दर्शन किए जा सकेंगे। दर्शन के बाद श्रद्धालु आपातकालीन निकासी मार्ग से बाहर जाएंगे।
श्रद्धालुओं के वाहनों के लिए प्रशासन ने पांच जगहों पर पार्किंग की व्यवस्था की है:
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे निर्धारित मार्ग का पालन करें, धैर्य बनाए रखें और किसी भी आपात स्थिति में सहायता केंद्र से संपर्क करें।