Mithilesh Yadav
30 Sep 2025
नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने 26/11 मुंबई आतंकी हमलों को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि, 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के तुरंत बाद यूपीए सरकार ने पाकिस्तान पर सैन्य कार्रवाई न करने का फैसला लिया था। उनका कहना है कि, इस निर्णय में अंतरराष्ट्रीय दबाव और विदेश मंत्रालय की सलाह अहम भूमिका निभा रही थी। उन्होंने स्वीकार किया कि, उनके मन में बदला लेने का विचार आया था, लेकिन सरकार ने युद्ध जैसी प्रतिक्रिया देने से बचने का निर्णय लिया।
चिदंबरम ने बताया कि, हमले के कुछ ही दिन बाद तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलिजा राइस दिल्ली आईं और उन्होंने प्रधानमंत्री और चिदंबरम से आग्रह किया कि कोई सैन्य कार्रवाई न की जाए। चिदंबरम ने कहा, "पूरी दुनिया हमें यह कहने के लिए दिल्ली आई थी कि युद्ध शुरू मत करो। मेरे मन में बदला लेने का विचार आया, लेकिन सरकार का फैसला अलग था।"
26 नवंबर 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने मुंबई में छत्रपति शिवाजी महाराज रेलवे स्टेशन, ओबेरॉय ट्राइडेंट, ताज महल पैलेस, लियोपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल और नरीमन हाउस पर हमला किया। इस हमले में 175 लोगों की मौत हुई। पकड़े गए आतंकवादियों में से अजमल कसाब को 2012 में फांसी दी गई।
पूर्व गृह मंत्री के इस खुलासे के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधा। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि चिदंबरम ने खुद स्वीकार किया कि मुंबई हमलों को विदेशी ताकतों के दबाव में गलत तरीके से हैंडल किया गया। बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने आरोप लगाया कि, चिदंबरम शुरुआत में गृहमंत्री बनने से हिचकिचा रहे थे, लेकिन बाद में पाकिस्तान पर सैन्य कार्रवाई चाहते थे। उन्होंने सवाल उठाया कि, क्या तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह या कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस कदम को रोका था।
बीजेपी नेताओं ने यूपीए सरकार पर आरोप लगाया कि, उसने 26/11 और 2007 के समझौता एक्सप्रेस धमाकों पर पाकिस्तान को 'क्लीन चिट' दी। साथ ही कांग्रेस पर यह भी आरोप है कि, उसने 'हिंदू आतंकवाद' की कहानी को बढ़ावा दिया और पाकिस्तान को मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) का दर्जा दिया।
चिदंबरम ने स्पष्ट किया कि उनके मन में पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा कदम उठाने की इच्छा थी, लेकिन अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों और विदेश मंत्रालय की सलाह के कारण सरकार ने शांतिपूर्ण रास्ता अपनाया। उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री ने हमले के दौरान ही स्थिति का आकलन किया था और निष्कर्ष निकला कि हमें प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए।"