Naresh Bhagoria
29 Dec 2025
अशोक गौतम, भोपाल। प्रदेश में निवेश बढ़ाने और रोजगार के अधिक से अधिक अवसर देने के लिए राज्य सरकार ने लघु उद्योगों पर फोकस किया है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने भूमि विकास नियमों में संशोधन करते हुए छोटे उद्योग लगाने में बड़ी राहत दी है। इसके तहत 6 मीटर या उससे अधिक चौड़ी सड़कों के दोनों तरफ कंप्यूटर असेम्बल, मोटर बाइंडिंग, चाय की पैकजिंग, बिस्किट, बेकरी, डेरी उत्पाद, आटा चक्की, चावल मिल, जरी उद्योग, दस कमरे से कम के होटल सहित 700 से ज्यादा श्वेत उद्योग स्थापित किए जा सकेंगे। लेकिन शर्त यह होगी कि उद्योग स्थल के सामने फायर सेफ्टी के हिसाब से आवश्यक जगह छोड़नी होगी। प्रदेश में पहले उद्योग लगाने के लिए 12 मीटर चौड़ी सड़क होने की अनिवार्यता थी। पर, अब नगर तथा ग्राम निवेश विभाग ने भूमि विकास (टीएनसीपी) नियम 2012 में संशोधन कर प्रावधान किया है।
बैरसिया जैसे छोटे शहर में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, कंम्प्यूटर रिपेयरिंग की करीब 20 दुकानें हैं। जबकि इनकी मरम्मत और सुधार करने के लिए इंजीनियर और जानकार ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं। इस समय सिंचाई का सीजन है। मोटर सुधार के लिए मोटर बाइंडिंग के लिए किसानों को पांच से दस दिन का इंतजार करना पड़ता है। इसके अलावा कंप्यूटर खराब होने पर विद्यार्थियों को भोपाल तक आना-जाना करना पड़ता है।
औद्योगिक एरिया में इस तरह के उद्योगों के लिए अलग से क्षेत्रों का निर्धारण होता है। कई जिलों में एमएसएमई और नॉन पॉल्यूटेड एरिया के लिए अलग से औद्योगिक क्षेत्र बनाए गए हैं भोपाल में गोविंदपुरा, बीएचईएल क्षेत्र का कुछ एरिया, एमपी नगर इसके लिए निर्धारित किया गया है। आईटी के लिए आरजीपीवी के पास बनाया गया है। भोपाल, इंदौर को मेट्रोपॉलिटन रीजन बनाया जा रहा है। इससे छोटे शहरों में औद्योगीकरण को बढ़ावा मिलेगा। रीजन बनने के पीछे भी यही कारण है कि लोगों को रोजगार, नौकरी के लिए घर से ज्यादा दूर नहीं जाना पड़े। इसके अलावा सरकार ने मेट्रोपॉलिटन सिटी में मिक्स लैंड यूज का प्रावधान किया। इससे सड़क के चौड़ाई के आधार पर उद्योग अथवा कारोबार संचालित कर सकेंगे।
सरकार के इस संशोधन से छोटे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। लोग अपने घरों में तमाम तरह के उद्योग लगा सकेंगे। साथ ही सरकार इन्हें उद्योग लगाने के लिए लाइसेंस भी दे सकेगी। स्वदेशी उपकरण, उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा। नगरीय विकास एवं आवास विभाग के एसीएस संजय दुबे का कहना है कि भूमि विकास नियमों में कुछ संशोधन किए गए हैं। इससे तमाम उद्योगों के लिए क्षेत्रों का निर्धारण किया गया है। इससे छोटे-छोटे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। छोटे और नान पॉल्यूटेड उद्योगों को लोग अपने घरों में भी संचालित कर सकेंगे।