Naresh Bhagoria
28 Nov 2025
भोपाल। अनुसूचित जाति अधिकारी-कर्मचारी संघ के अध्यक्ष IAS संतोष वर्मा द्वारा ब्राह्मण की बेटी को लेकर की गई टिप्पणी पर अब रीवा के सांसद जनार्दन मिश्र ने केंद्रीय कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है। मिश्र ने वर्मा के पूर्व के मामलों का उल्लेख भी किया और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की कि वर्मा के खिलाफ अखिल भारतीय सेवा आचरण नियम 1968 के तहत कठारे अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। साथ ही अनुसूचित जाति वर्ग के बजाय अनुसूचित जनजाति वर्ग के माध्यम से इनकी पदोन्नति की जांच कराई जाए।

सांसद वर्मा ने अपनी शिकायती पत्र में लिखा कि मैं आपका ध्यान एक गंभीर प्रकरण की ओर आकर्षित करना चाहता हूं। जिसमें मध्यप्रदेश कैडर के IAS अधिकारी एवं अनुसूचित जाति अधिकारी-कर्मचारी संघ अजाक्स के हाल में ही निर्वाचित प्रांतीय अध्यक्ष संतोष वर्मा व्दारा दिए गए बयान में उन्होंने सार्वजनिक मंच पर जब तक कोई ब्राहमण अपनी बेटी मेरे बेटे को दान न दे दे या उससे संबंध न बानये तब तक आरक्षण जारी रहना चाहिए जैसी अत्यंत अशोभनीय अपमानजनक आपत्तिपूर्ण लैंगिक रूप से संवेदनशील तथा जातिगत विद्वेष उत्पन्न करने वाली टिटपणी की है। वर्मा का उपरोक्त बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्दारा चलाए जा रहे महिला सशक्तीकरण अभियान के प्रति उनके नकारारात्मक मानसिकता को उजागर करता है तथा अभियान के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर भी प्रश्न चिह्न लगता है।
सांसद मिश्र ने लिखा कि वर्मा अनुसूचित जाति (SC) वर्ग के मध्यप्रदेश शासन के अधिकारी थे परन्तु उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन हेतु आपने आपको अनुसूचित जन जाति (ST) वर्ग का अधिकारी होने का उल्लेख किया जिससे उनका चयन मप्र से में हुआ है। वर्मा के विरुद्ध पूर्व में एक महिला के साथ मारपीट एवं अश्लील शब्दों के प्रयोग का प्रकरण न्यायालय में लंबित था। जिसमें वर्मा व्दारा फर्जी राजीनामा न्यायालय में प्रत्त्तुत किया गया । न्यायालय के संज्ञान में लाए जाने पर उनके विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किया गया तथा सन् 2021 को उक्त प्रकरण में उनको गिरफतार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया । यह आपराधिक प्रकरण अभी भी न्यायालय में विचाराधीन है। इसके वावजूद भी वर्मा की पदोन्नति भारतीय प्राशसनिक सेवा में की गई जिसमें जांच की आवश्यकता है।