Mithilesh Yadav
7 Oct 2025
Peoples Reporter
7 Oct 2025
Shivani Gupta
7 Oct 2025
शिमला। हिमाचल प्रदेश में इस बार का मानसून भारी तबाही लेकर आया है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (HPSDMA) की रिपोर्ट के मुताबिक, 20 जून से अब तक 276 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें से 143 मौतें बारिश से जुड़ी घटनाओं जैसे भूस्खलन, बादल फटने, बाढ़, डूबने, करंट लगने और खड़ी ढलानों से गिरने के कारण हुईं। वहीं 133 लोग सड़क हादसों में मारे गए।
मंडी, कांगड़ा, चंबा, हमीरपुर, किन्नौर और कुल्लू जिले बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित रहे। मंडी में 26, कांगड़ा में 29, चंबा और हमीरपुर में 13-13, जबकि किन्नौर और कुल्लू में 12-12 लोगों की मौत दर्ज की गई। सड़क हादसों ने भी इन जिलों में बड़ी संख्या में जानें लीं, जिनमें चंबा और मंडी में 21-21 मौतें शामिल हैं।
मानव हानि के साथ-साथ पशुधन को भी बड़ा नुकसान हुआ है। अब तक 1,797 मवेशी और 25,755 पोल्ट्री पक्षी मारे जा चुके हैं। सार्वजनिक और निजी संपत्ति को भी भारी क्षति पहुंची है। लोक निर्माण विभाग को 1,21,675.58 लाख रुपए, जल शक्ति विभाग को 73,294.76 लाख रुपए और बिजली विभाग को 13,946.69 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। कुल मिलाकर अब तक 2,21,164.75 लाख रुपए से अधिक की क्षति का अनुमान है।
भूस्खलन और मलबा गिरने से 359 सड़कें बंद हैं, जिनमें तीन राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा 181 सड़कें अवरुद्ध हैं, जबकि कुल्लू में 104 और चंबा में 22 सड़कें बंद हैं। बिजली व्यवस्था पर भी गहरा असर पड़ा है। राज्यभर में 550 ट्रांसफॉर्मर ठप हो चुके हैं, जिनमें अकेले कुल्लू में 281 और मंडी में 191 ट्रांसफॉर्मर शामिल हैं।
132 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं। कुल्लू में 56 और मंडी में 60 योजनाएं काम नहीं कर पा रही हैं। अस्थायी तौर पर कुछ स्थानों पर बहाली की गई है, लेकिन लगातार बारिश और भूस्खलन से हालात बिगड़ रहे हैं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और मौसम संबंधी चेतावनियों का पालन करें। लगातार हो रही बारिश के कारण नए हादसों का खतरा अभी भी बना हुआ है।
(इनपुट एएनआई)