Shivani Gupta
25 Oct 2025
Manisha Dhanwani
25 Oct 2025
Manisha Dhanwani
25 Oct 2025
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में आम जनता और देश के बुनियादी ढांचे को लेकर कई बड़े फैसले लिए गए। बैठक में कुल 52,667 करोड़ रुपए के पैकेज को मंजूरी दी गई है। इसमें रसोई गैस सब्सिडी, तकनीकी शिक्षा सुधार, पूर्वोत्तर राज्यों के विकास, और सड़क परियोजनाएं शामिल हैं।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी को 2025-26 तक बढ़ा दिया गया है। इसके लिए 12,060 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा, "यह योजना गरीब और जरूरतमंद परिवारों की रसोई तक एलपीजी पहुंचाने का माध्यम बनी है और इसे वैश्विक स्तर पर समावेशी विकास का उदाहरण माना जा रहा है।"
सरकार ने घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतों को नियंत्रित रखने के कारण हुए घाटे की भरपाई के लिए IOCL, BPCL और HPCL को 30,000 करोड़ रुपए का मुआवजा देने का निर्णय लिया है। यह मुआवजा पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के माध्यम से 12 किश्तों में वितरित किया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2024-25 में अंतरराष्ट्रीय बाजार में एलपीजी महंगी रही, लेकिन सरकार ने उपभोक्ताओं पर बोझ न डालते हुए कीमतों को स्थिर रखा। इससे इन कंपनियों को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ, जिसे अब सरकार भरपाई करेगी। इससे एलपीजी की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित रहेगी।
तकनीकी संस्थानों की गुणवत्ता और बुनियादी ढांचे को सुधारने के लिए सरकार ने MERITE योजना को मंजूरी दी है। इसके लिए 4,200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इस योजना के तहत IITs, NITs और अन्य इंजीनियरिंग कॉलेजों को अत्याधुनिक सुविधाएं देने पर जोर होगा।
बैठक में पूर्वोत्तर राज्यों के विकास पर विशेष ध्यान देते हुए असम और त्रिपुरा के लिए 4,250 करोड़ रुपए के 4 नए विकास परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। यह स्पेशल पैकेज मौजूदा योजनाओं के तहत जारी रहेगा और इससे स्थानीय रोजगार, शिक्षा और आधारभूत संरचना को बढ़ावा मिलेगा।
दक्षिण भारत में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की दिशा में मरक्कनम–पुडुचेरी के बीच 46 किमी लंबा फोर-लेन हाईवे बनाने को मंजूरी दी गई है। इस प्रोजेक्ट पर 2,157 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इससे पर्यटन, व्यापार और आवागमन को बड़ा लाभ मिलेगा।
केंद्र सरकार का कहना है कि यह बजट आम लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। उज्ज्वला योजना जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के साथ-साथ तेल कंपनियों को मुआवजा देकर देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने की कोशिश की गई है। साथ ही, पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए बुनियादी ढांचे को गति दी जा रही है।