
भोपाल में आयोजित मीसाबंदियों सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लोकतंत्र सेनानियों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। 70 वर्ष से अधिक उम्र के सेनानियों को आयुष्मान कार्ड दिया जाएगा, जिससे उन्हें नि:शुल्क इलाज की सुविधा मिलेगी। गंभीर बीमारी या इलाज के लिए बड़े शहर जाने पर एम्बुलेंस सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। रोजगार योजनाओं में पात्रता मिलने पर प्राथमिकता भी दी जाएगी।
थावरचंद गहलोत और कप्तान सिंह सोलंकी को ताम्रपत्र
कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्यमंत्री ने कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत और हरियाणा के पूर्व राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी को ताम्रपत्र देकर सम्मानित किया। इसके अलावा प्रदेशभर से आए अन्य लोकतंत्र सेनानियों को उनके जिलों में प्रभारी मंत्रियों द्वारा ताम्रपत्र सौंपे जाएंगे।
कांग्रेस पर सीएम का तीखा हमला
मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान के हत्यारे अगर संविधान बचाने की बात करें, तो यह कैसे सहा जाए? जिन्होंने डॉ. अंबेडकर के साथ अन्याय किया, वही आज उनके नाम की दुहाई देते हैं। सीएम ने राहुल गांधी पर भी निशाना साधा और कहा कि आज पूरा देश उन्हें देख रहा है, जबकि अटल बिहारी वाजपेयी ने विपक्ष में रहते हुए आदर्श स्थापित किए थे।
लोकतंत्र की रक्षा में दी कीमत को देश नहीं भूलेगा
सीएम मोहन यादव ने आपातकाल के दौरान सेनानियों की भूमिका को याद करते हुए कहा कि 1947 में देश भले आजाद हुआ, लेकिन असली लोकतंत्र की लड़ाई आप लोगों ने 1975 में लड़ी।
थावरचंद गहलोत ने की मप्र सरकार की सराहना
राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने कहा कि लोकतंत्र सेनानियों को सबसे अधिक सुविधाएं मध्य प्रदेश सरकार द्वारा दी जा रही हैं। उन्होंने शिवराज सिंह चौहान की पहल की सराहना करते हुए कहा कि 12 राज्यों ने सम्मान निधि देना शुरू किया है। उन्होंने याद दिलाया कि आपातकाल के समय 46 अध्यादेशों से जनता के अधिकार छीने गए थे। अब यह जिम्मेदारी है कि भावी पीढ़ी को इन तथ्यों की जानकारी दी जाए।
ग्लोबल वार्मिंग और अर्थव्यवस्था पर भी बोले गहलोत
गहलोत ने सभी लोकतंत्र सेनानियों से ग्लोबल वार्मिंग के मुद्दे पर जनजागरूकता फैलाने की अपील की। उन्होंने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था दुनिया में चौथे स्थान पर है, इसे तीसरे स्थान तक लाने के लिए आपका सहयोग जरूरी है।
‘लोकतंत्र का करिश्मा है कि जेल जाने…’
पूर्व सांसद कैलाश सोनी ने कहा कि मीसाबंदियों की तपस्या का ही परिणाम है कि आज लोकतंत्र मजबूत है। यह लोकतंत्र की ताकत है कि जिन्हें कभी जेल भेजा गया, वे आज राज्यपाल बन चुके हैं। उन्होंने इमरजेंसी के समय कांग्रेस नेताओं द्वारा चुप्पी साधने की आलोचना की और कहा कि यदि तब सवाल उठाए गए होते, तो देश को यह काला अध्याय नहीं देखना पड़ता।
सम्मान निधि की शुरुआत और विस्तार
कैलाश सोनी ने बताया कि मध्य प्रदेश में 2008 से मीसाबंदियों को सम्मान निधि दी जा रही है। अब तक यह सुविधा देश के 12 राज्यों तक पहुंच चुकी है।
700 मीसाबंदी परिवारों की गरिमामयी उपस्थिति
इस कार्यक्रम में प्रदेशभर से 700 मीसाबंदी परिवार शामिल हुए। तपन भौमिक, अध्यक्ष – लोकतंत्र सेनानी संघ ने बताया कि पिछले 11 वर्षों से यह आयोजन भोपाल में किया जा रहा है। कार्यक्रम में मंत्री विश्वास सारंग, कृष्णा गौर, तुलसी सिलावट, अजय बिश्नोई सहित कई विधायक भी उपस्थित रहे।