Shivani Gupta
15 Sep 2025
Hemant Nagle
15 Sep 2025
Peoples Reporter
15 Sep 2025
Manisha Dhanwani
15 Sep 2025
तरुण यादव-भोपाल। रविशंकर नगर की स्थापना सत्तर के दशक में माध्यमिक शिक्षा मंडल कर्मचारियों के आवास बनाने के लिए हुई थी। इसे बाद में जहाज वाली कॉलोनी के नाम से पहचान मिली। इसकी वजह थी यहां के बाल उद्यान में बना एक हवाई जहाज। बच्चों के लिए बनी इस फिसलपट्टी को हूबहू हवाई जहाज की तरह डिजाइन किया गया था। इसमें प्लेन की तरह ही अंदर बैठने के लिए चेयर, विंडो और एक तरफ अंदर जाने के लिए सीढ़ियां व दूसरी तरफ फिसलपट्टी बनी थी। इसके नीचे बाकायदा टायर जैसा डिजाइन भी बनाया गया था। पिछले सप्ताह हुई बारिश में यह विमान ढह गया। अब लोगों की मांग है कि यादों के इस विमान को दोबारा बनाया जाए।
1971 में कॉलोनी की स्थापना के बाद वहां बने बाल उद्यान में कंक्रीट का प्लेन तैयार हुआ था। भोपाल के बाशिंदों के लिए उस दौर में हवाई जहाज अजूबे से कम न था, लिहाजा रविशंकर नगर के बाल उद्यान का भोपाली अंदाज में नामकरण हुआ ‘जहाज वाला पार्क’। इसे लेकर बच्चों के बीच दीवानगी यह थी कि शहर के कोनेको ने से बच्चे परिजन से जिद कर यहां खेलने आते थे। वहीं, यह जहाज इस कॉलोनी के बाशिंदों के लिए भी शान का प्रतीक था।
रविशंकर नगर कॉलोनी का स्वामित्व माध्यमिक शिक्षा मंडल के पास है। रखरखाव भी मंडल करता है। दस साल पहले पहले अफसरों ने इसे नए सिरे से सजाया और संवारा था। नीली पट्टी वाला यह विमान कुछ सालों तक ठीक रहा, पिछले कई सालों से मेंटेनेंस नहीं होने से यह जर्जर होने लगा था। हादसे के डर से लोग यहां अपने बच्चों को नहीं भेज रहे थे।
हमारी कॉलोनी और पार्क की पहचान ही जहाज से थी। काफी जर्जर होने की वजह से बच्चों ने यहां खेलना छोड़ दिया था। इसे फिर बनना चाहिए। -खुशी रायकवार, रहवासी
बचपन में इस जहाज में चढ़कर खूब मस्ती करते थे। चार दिनों की बारिश से ढह गया। बचपन की यादें जुड़ी हैं, इसलिए मन दुखी है। -आस्था कौसरकर, रहवासी
बाल उद्यान को नए सिरे से संवारेंगे। जहाज जर्जर हो गया था। नए सिरे से पार्क को डेवलप कराएंगे और पुराना स्वरूप लौटाएंगे। -केडी त्रिपाठी, सचिव, माशिमं, भोपाल