Peoples Reporter
8 Oct 2025
Mithilesh Yadav
8 Oct 2025
नई दिल्ली। 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस में 17 साल बाद फैसला आया है। मुंबई की NIA स्पेशल कोर्ट ने 31 जुलाई 2025 को इस केस में सभी सातों आरोपियों को बरी कर दिया। इस फैसले के बाद महाराष्ट्र ATS के पूर्व इंस्पेक्टर महबूब मुजावर ने एक सनसनीखेज खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें RSS प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के आदेश मिले थे, ताकि ‘भगवा आतंकवाद’ की थ्योरी को साबित किया जा सके।
29 सितंबर 2008 की रात मालेगांव के भीकू चौक पर एक बाइक में धमाका हुआ था।
समय: रात 9:30 बजे
मृतक: 6 लोग
घायल: 101 लोग
विस्फोटक: बाइक में रखा बम
मृतकों में 10 साल की बच्ची से लेकर 70 साल के बुजुर्ग तक शामिल थे।
NIA कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि-
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर – पूर्व भाजपा सांसद
लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित – सेना के अधिकारी
रमेश उपाध्याय – संगठन से जुड़े
अजय राहिरकर – संगठन के कोषाध्यक्ष
समीर कुलकर्णी – कार्यकर्ता
सुधाकर चतुर्वेदी – बम निर्माण के आरोपी
सुधाकर धर द्विवेदी – शंकराचार्य के नाम से जुड़े
पूर्व ATS इंस्पेक्टर महबूब मुजावर ने कहा कि:
मुजावर ने कहा-
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा- कांग्रेस ने गांधी परिवार के इशारे पर मोहन भागवत को फंसाने की साजिश की। भगवा आतंकवाद की कहानी गढ़ी गई। सेना, संत और सनातन को बदनाम करने की कोशिश की गई।
पीड़ितों के वकील शाहिद अंसारी ने कोर्ट के फैसले को चुनौती देने की बात कही। उन्होंने कहा कि:
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