Garima Vishwakarma
17 Dec 2025
इंदौर। महू उपजेल में बंद कुख्यात आरोपी हमूद सिद्दीकी को लेकर बनी सुरक्षा की गंभीर आशंका आखिरकार खत्म हो गई। महू दंगों और करोड़ों की धोखाधड़ी के मामलों में गिरफ्तार हमूद सिद्दीकी को शनिवार को कड़ी सुरक्षा के बीच सेंट्रल जेल इंदौर रवाना कर दिया गया। हमूद के महू उपजेल से बाहर निकलते ही जेल प्रशासन ने राहत की सांस ली। बताया जा रहा है कि उसकी मौजूदगी के चलते जेलर के माथे पर लगातार चिंता की लकीरें खिंची हुई थीं और किसी भी अप्रिय घटना की आशंका बनी हुई थी।
दिल्ली में 10 नवंबर 2025 को हुए कार बम धमाके के बाद जब जांच एजेंसियों ने फरिदाबाद स्थित अलफलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े तीन डॉक्टरों को गिरफ्तार किया, तब इस पूरे नेटवर्क की परतें खुलनी शुरू हुईं। इसके बाद 18 नवंबर को ईडी ने यूनिवर्सिटी के चांसलर जवाद अहमद सिद्दीकी को मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोपों में गिरफ्तार किया। जांच में जवाद का महू के कायस्थ मोहल्ला से मूल निवासी होना सामने आने के बाद महू पुलिस भी हरकत में आ गई। रिकॉर्ड खंगाले गए तो जवाद के छोटे भाई हमूद सिद्दीकी के काले कारनामों की लंबी फेहरिस्त सामने आ गई।
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि हमूद सिद्दीकी वर्ष 1988 और 1989 में दंगे भड़काने और हत्या के प्रयास के दो मामलों में लंबे समय से फरार था। इतना ही नहीं, वह करीब 25 वर्षों से लाखों रुपये की धोखाधड़ी के मामलों में भी फरारी काट रहा था। आखिरकार महू पुलिस ने उसे हैदराबाद से दबोचकर गिरफ्तार किया और महू उपजेल में बंद कर दिया। लेकिन उसकी गिरफ्तारी की खबर फैलते ही माहौल गरमा गया और जेल प्रशासन की मुश्किलें बढ़ गईं।
शनिवार को सेंट्रल जेल ले गई पुलिस टीम
बताया जाता है कि 90 के दशक में हमूद ने अपने भाई जवाद के साथ मिलकर महू में ‘अल फलाह इन्वेस्टमेंट कंपनी’ के नाम से फर्जी निवेश का जाल बिछाया था। इस कंपनी के जरिए स्थानीय निवासियों, खासतौर पर रिटायर्ड आर्मी अधिकारियों और मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस (एमईएस) के कर्मचारियों से लाखों रुपये ठगे गए थे। हमूद की गिरफ्तारी के बाद ठगी के शिकार निवेशकों और सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों में भारी आक्रोश फैल गया था। जेल के बाहर प्रदर्शन और हंगामे की धमकियां मिलने लगी थीं, जिससे महू उपजेल की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया।
इसी गंभीर हालात को देखते हुए जेलर मीत सानेकर ने तत्काल जेल मुख्यालय को पत्र लिखकर हमूद सिद्दीकी को किसी सुरक्षित और बड़ी जेल में शिफ्ट करने की मांग की थी। जेल प्रशासन को आशंका थी कि भीड़ के उग्र होने या बदले की किसी साजिश के चलते जेल में बड़ी वारदात हो सकती है। आखिरकार जेल मुख्यालय ने खतरे को भांपते हुए आदेश जारी किए और शनिवार को पुलिसकर्मियों की कड़ी सुरक्षा में हमूद सिद्दीकी को सेंट्रल जेल इंदौर स्थानांतरित कर दिया गया। अब महू उपजेल प्रशासन ने राहत की सांस ली है, वहीं हमूद सिद्दीकी से जुड़े मामलों की जांच और कानूनी कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।