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महाकाल मंदिर में सबसे पहले मनी होली, बाबा महाकाल को अर्पित किया हर्बल गुलाल, संध्या आरती के बाद किया होलिका दहन

उज्जैन। देशभर में होली के रंगों की शुरुआत सबसे पहले महाकाल मंदिर से होती है। इस वर्ष भी महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में परंपरा अनुसार सबसे पहले होली का पर्व मनाया गया। इस बार भगवान महाकाल को केवल एक किलो हर्बल गुलाल अर्पित किया गया। भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन ने सख्त इंतजाम किए थे। संध्या आरती के दौरान आईजी उमेश जोगा, कलेक्टर नीरज सिंह और प्रशासक प्रथम कौशिक भी मौजूद रहे।

वहीं 14 मार्च धुलेंडी के दिन सुबह 4 बजे भस्म आरती में सबसे पहले बाबा महाकाल को पुजारी-पुरोहितों द्वारा गुलाल लगाया जाएगा।

महाकाल मंदिर में सबसे पहले हुआ होलिका दहन

संध्या आरती के बाद महाकाल मंदिर प्रांगण में परंपरागत रूप से होलिका दहन किया गया। इसी के साथ ओंकारेश्वर मंदिर परिसर में भी कंडों से तैयार की गई होलिका का दहन हुआ। इस बार प्रशासन ने श्रद्धालुओं को होलिका दहन स्थल के पास जाने की अनुमति नहीं दी।

भस्म आरती में महाकाल को अर्पित होगा गुलाल

वहीं 14 मार्च को धुलेंडी के दिन सुबह 4 बजे विशेष भस्म आरती होगी, जिसमें भगवान महाकाल को गुलाल अर्पित किया जाएगा। पुजारी-पुरोहित विशेष मंत्रोच्चार के साथ गुलाल अर्पित करेंगे और इसी के साथ होली महोत्सव की आधिकारिक शुरुआत हो जाएगी।

पुजारी परिवार की महिलाओं ने किया पूजन

महाकाल मंदिर की परंपरा के अनुसार, पुजारी परिवार की महिलाओं ने विशेष पूजन संपन्न किया। ओंकारेश्वर मंदिर परिसर में कंडों की विशाल रंगोली बनाई गई और पूरे विधि-विधान के साथ पूजन के बाद होलिका दहन किया गया।

मंदिर परिसर में रंग-गुलाल पर प्रतिबंध

महाकाल मंदिर प्रशासन ने गर्भगृह, नंदी मंडपम, गणेश मंडपम, कार्तिकेय मंडपम सहित पूरे मंदिर परिसर में रंग-गुलाल ले जाने और उड़ाने पर प्रतिबंध लगाया है।

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