Naresh Bhagoria
8 Nov 2025
Shivani Gupta
8 Nov 2025
Naresh Bhagoria
8 Nov 2025
भोपाल। मध्यप्रदेश में राजनीतिक पुनर्वास की राह देख रहे बीजेपी नेताओं के लिए जल्द राहत की खबर आने वाली है। प्रदेश के 48 निगम, मंडल और बोर्ड में नियुक्तियों को लेकर मंथन अब अंतिम चरण में है। बुधवार देर शाम मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के सीएम हाउस में हुई उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा भी मौजूद रहे। इस बैठक में राजनीतिक नियुक्तियों के साथ ही संगठनात्मक कार्यकारिणी को लेकर भी अहम रणनीति बनी।
मध्यप्रदेश के पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश में हाल ही में भाजपा की नई प्रदेश कार्यकारिणियां घोषित की जा चुकी हैं। अब मध्यप्रदेश में भी प्रदेश और जिला कार्यकारिणियों की घोषणा जल्द की जा सकती है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, टीम हेमंत में नए और जमीनी कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी जाएगी, जबकि लंबे समय से संगठन में सक्रिय कुछ पुराने चेहरों को इस बार किनारे किया जा सकता है।
भाजपा इस बार संगठन और निगम-मंडल में पदों की बंदरबांट रोकने के लिए ‘एक व्यक्ति एक पद’ फॉर्मूले को सख्ती से लागू करने जा रही है। यानी जो नेता निगम-मंडल में चेयरमैन या डिप्टी चेयरमैन बनाए जाएंगे, उन्हें संगठन में कोई दायित्व नहीं मिलेगा। इससे संगठनात्मक पदों पर भी नई ऊर्जा और स्पष्ट जवाबदेही तय की जा सकेगी।
भाजपा के संगठनात्मक जिलों में भी जल्द ही जिला कार्यकारिणियों की घोषणा होगी। इस बार विधानसभा क्षेत्रवार प्रभावी नेताओं, पूर्व प्रत्याशियों और विधायकों की सिफारिशों को भी महत्व दिया जा रहा है। प्रदेश स्तर से पर्यवेक्षक भेजकर जिलों से नाम पहले ही एकत्र किए जा चुके हैं।
प्रदेश के 48 निगम, मंडल और प्राधिकरणों में अभी तक स्थायी चेयरमैन नहीं हैं। इनका प्रभार विभागीय मंत्री या सचिवों के पास है। पांच पूर्व मंत्रियों के नाम लगभग तय माने जा रहे हैं:
मुख्यमंत्री और संगठन के बीच हुई बैठक में राजनीतिक नियुक्तियों के साथ-साथ सामाजिक और सांस्कृतिक आयोजनों पर भी मंथन हुआ। आने वाले समय में भाजपा द्वारा सेवा सप्ताह, रक्तदान शिविर, चिकित्सा शिविर, पशुपालन में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने और मिट्टी से बने गणेश प्रतिमा को लेकर व्यापक अभियान चलाया जाएगा।
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