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हादसे में घायल युवा कवि अभय की जान बचाने में जुटी साहित्यिक बिरादरी, क्राउड फंडिंग से 15 लाख जुटाने की मुहिम

प्रीति जैन-भोपाल। शेरो-शायरी और कविता की दुनिया में वह एक उभरता सितारा है। हम बात कर रहे हैं भोपाल के 23 साल के अभय शुक्ला की। नामी शायरों की संगत में उसका फन निखर ही रहा था कि 6 मई को एक हादसे ने उसकी दुनिया को तहस-नहस कर दिया। अब अभय अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा है। जानकारी के अनुसार, जन्मदिन की अगली सुबह अपने घर नेहरू नगर से पीएंडटी चौराहा जाते हुए उसकी बाइक ऐसी फिसली की हेलमेट के बावजूद बस से सिर टकराया और डॉक्टरों के मुताबिक उसकी स्कल (खोपड़ी) खुल गई।

उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसे वेंटिलेटर से तो हटा लिया गया है, लेकिन अभी होश नहीं आया है। अब राजधानी की साहित्यिक बिरादरी मिलकर सोशल मीडिया के माध्यम से क्राउड फंडिंग में जुटी है। डॉक्टरों ने इलाज पर 15 लाख रुपए का खर्च बताया है। फिलहाल उसके दोस्त और परिचित अस्पताल का खर्च उठा रहे हैं। अभय माता पिता की इकलौती संतान है।

मैं जैसा हूं मुझे रहने दो, मुझ को ये होने में जमाने लग गए हैं कई बचपन गरीबी खा चुकी है कई बच्चे कमाने लग गए हैं… जनाजे देख के औरों के घर के, मुझे कुछ डर सताने लग गए हैं…। (सेंट पीटर्सबर्ग, अमेरिका से प्रकाशित द्वैभाषिक पत्रिका सेतु में प्रकाशित अभय की गजल के अंश)

आर्थिक सहयोग के लिए संपर्क करें: अभय की माताजी ललिता शुक्ला की बैंक डिटेल्स दी जा रही है । किसी भी तरह की जानकारी या प्रूफ के लिए 7611100440 पर वॉट्सएप कर सकते हैं। अकाउंट नंबर: 2965001300000325, IFSC code : PUNB0296500

अभय दिल्ली यूनिवर्सिटी में यूजी कॉमर्स बैच का टॉपर रह चुका है। आने वाले दिनों में हमारी संस्था छतनारा जो भी कार्यक्रम करेगी, उसका डोनेशन उसके इलाज के लिए जाएगा। वहीं आरएनटीयू सहित अन्य संस्थाएं भी आर्थिक सहयोग कर रही हैं। – निशांत उपाध्याय, युवा कवि

मप्र उर्दू अकादमी ने अभय को तलाशे-ए-जौहर अवॉर्ड दिया है। मैं लगभग रोज उससे मिलने अस्पताल जाती हूं। हम आर्थिक मदद के लिए प्रयास कर रहे हैं। चार लाख रुपए एकत्रित हुए हैं, लेकिन हर दिन का खर्च 50 हजार से ज्यादा है। – नुसरत मेहदी, निदेशक, मप्र उर्दू अकादमी

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