
करनाल। पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी नरवाल ने गुरुवार को अपने पति के जन्मदिन पर आयोजित रक्तदान शिविर में भावुक अपील की। उन्होंने कहा, “हमें बस शांति चाहिए, नफरत नहीं। मैं किसी से नफरत नहीं करती।”
इस दौरान उन्होंने देशवासियों से विनय के लिए प्रार्थना करने और आतंकियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग की।
जिन्होंने मासूमों को मारा, उन्हें सजा मिलनी चाहिए
हिमांशी ने शिविर के दौरान कहा, “हम नहीं चाहते कि किसी और के साथ वैसा हो जैसा हमारे साथ हुआ। हम सिर्फ न्याय और शांति चाहते हैं। जिन्होंने मासूमों को मारा है, वे सजा के हकदार हैं।”
उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि घटना के बाद समाज में मुस्लिम और कश्मीरी समुदाय के खिलाफ जो नफरत पनप रही है, वह पूरी तरह गलत है। उन्होंने कहा, “किसी धर्म या समुदाय को दोषी ठहराना ठीक नहीं। आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता।”
मैं भी देश सेवा की राह पर चलूंगी
जब उनसे पूछा गया कि क्या वे अपने पति की तरह देश सेवा के पथ पर आगे बढ़ेंगी, तो हिमांशी ने निसंकोच हां कहा। उनका यह जवाब न केवल उनके साहस को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि आतंकवाद उनके हौसले को नहीं डिगा सका।
रक्तदान शिविर में उमड़ा जनसैलाब
लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के जन्मदिन पर करनाल में आयोजित रक्तदान शिविर में भारी संख्या में लोग पहुंचे। विनय की बहन सृष्टि नरवाल ने कहा, “जो लोग यहां श्रद्धाभाव से रक्तदान करने पहुंचे हैं, हम उनका आभार व्यक्त करते हैं। करनाल ही नहीं, बाहर के शहरों से भी लोग आए हैं।”
परिवार का मानना है कि इस तरह की सहभागिता से विनय की विचारधारा को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। शिविर के दौरान विनय के परिवार की आंखें भर आईं।
पहलगाम में आतंकियों ने किया कायरतापूर्ण हमला
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कुल 26 लोगों की जान गई थी। लेफ्टिनेंट विनय नरवाल को आतंकियों ने उनकी पत्नी हिमांशी के सामने गोली मारी थी। यह हमला देशभर को झकझोर देने वाला था। इस हमले के बाद लगातार आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग तेज हो गई है।