Manisha Dhanwani
28 Dec 2025
जम्मू-कश्मीर की स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) ने मंगलवार को श्रीनगर के 8 ठिकानों पर छापेमारी की। मामला अप्रैल 1990 में घाटी में आतंकवाद के चरम के दौरान कश्मीरी पंडित नर्स सरला भट्ट के अपहरण और हत्या से जुड़ा है। इन जगहों में जेकेएलएफ (J&K लिब्रेशन फ्रंट) के पूर्व प्रमुख यासीन मलिक का मैसूमा स्थित घर भी शामिल है। यहां डिप्टी एसपी आबिद हुसैन, एक कार्यकारी मजिस्ट्रेट और पुलिसकर्मी जांच के लिए पहुंचे।
अनंतनाग की 27 वर्षीय कश्मीरी पंडित नर्स सरला भट्ट श्रीनगर के सौरा स्थित शेर-ए-कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान (SKIMS) में काम करती थीं। 18 अप्रैल 1990 को हब्बा खातून छात्रावास से उनका अपहरण हुआ और अगली सुबह सौरा के मल्लाबाग में उमर कॉलोनी की सड़क पर उनकी गोलियों से छलनी लाश मिली। उस समय निगीन थाने में मामला दर्ज हुआ था, लेकिन अपराधियों का पता नहीं चल सका।
यासीन मलिक 1987 के विवादास्पद विधानसभा चुनाव के बाद 1988 में जेकेएलएफ में शामिल हुए। 31 मार्च 1990 को JKLF चीफ अशफाक मजीद की मौत के बाद वह संगठन के प्रमुख बने। अगस्त 1990 में गिरफ्तारी के बाद उन पर सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की, लेकिन मुकदमा ठंडा पड़ गया। 1994 में रिहा होने के बाद उन्होंने जेकेएलएफ को विभाजित कर अहिंसक अलगाववादी गुट की कमान संभाली। वर्तमान में टेरर फंडिंग केस में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं और तिहाड़ जेल में बंद हैं।