
धनबाद के वासेपुर से गिरफ्तार किए गए चार संदिग्ध आतंकियों का बड़ा खुलासा हुआ है। झारखंड ATS ने गुलफाम हसन, आयान जावेद, शहजाद और शबनम परवीन को शनिवार को पकड़ा था। पूछताछ में पता चला कि ये सभी हिज्ब-उत-तहरीर (HUT), अलकायदा इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS), ISIS और अन्य आतंकी संगठनों के लिए स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे। फिलहाल चारों को जेल भेज दिया गया है।
सोशल मीडिया के जरिए युवाओं को गुमराह कर रहे थे
ATS की पूछताछ में सामने आया कि आरोपी सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं को गुमराह कर आतंकी संगठनों से जोड़ने की कोशिश कर रहे थे। इनके पास से कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे पेन ड्राइव, कंप्यूटर हार्ड डिस्क और मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं। आयान और शबनम को कंप्यूटर एक्सपर्ट बताया जा रहा है, जो स्लीपर सेल संभालने की जिम्मेदारी निभा रहे थे।
धनबाद के बाद अब अन्य शहरों में फैलाने की थी योजना
धनबाद से पहले रांची और लोहरदगा में भी स्लीपर सेल बनाने की कोशिश हो चुकी थी। एजेंसियां पहले भी रांची के चान्हो और लोहरदगा से आतंकियों की गिरफ्तारी कर चुकी हैं। लोहरदगा के मिल्लत कॉलोनी से फैजान अंसारी को NIA ने पकड़ा था, जो ISIS से प्रभावित था। वहीं दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने AQIS से जुड़े डॉ. इश्तियाक और मदरसा संचालक को भी गिरफ्तार किया था। ये सभी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए युवाओं को हथियार चलाने की ट्रेनिंग देने की तैयारी में थे।
NIA कर सकती है जांच, सभी आरोपी 30 साल से कम उम्र के
धनबाद से गिरफ्तार किए गए चारों आरोपियों की उम्र 30 साल से कम है। माना जा रहा है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए NIA अब इस जांच में शामिल हो सकती है।
क्या है हिज्ब-उत-तहरीर (HUT)
हिज्ब-उत-तहरीर (HUT) का गठन 1953 में यरुशलम में हुआ था। भारत सरकार ने अक्टूबर 2024 में इस संगठन को आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के चलते बैन कर दिया था। संगठन पर लोगों को जिहाद के नाम पर उकसाकर ISI से जोड़ने के आरोप हैं।
संदिग्ध गतिविधियों के बीच बदली थी आयान की लोकेशन
आयान के पास अमन सोसाइटी में खुद का मकान था, बावजूद इसके वह पिछले तीन महीने से पत्नी शबनम के साथ शमशेर नगर में किराए के मकान में रह रहा था। शबनम बच्चों को अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू पढ़ाती थी, जबकि आयान ने बाइपास रोड पर ‘द ब्रांड हाउस’ नाम से कपड़ों का शोरूम भी खोल रखा था।