Aniruddh Singh
12 Oct 2025
बेंगलुरू। देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस ने ऑस्ट्रेलिया के टेल्स्ट्रा ग्रुप की पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई वर्सेंट ग्रुप में 75% हिस्सेदारी खरीदने के लिए करार किया है। यह सौदा 233.3 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर यानी लगभग 153 मिलियन अमेरिकी डॉलर में होगा। वर्सेंट ग्रुप मुख्य रूप से क्लाउड सर्विसेज प्रदान करने वाली कंपनी है, जो ऑस्ट्रेलिया में वित्त, ऊर्जा, यूटिलिटीज, सरकारी संस्थान और शिक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में संगठनों को तकनीकी समाधान उपलब्ध कराती है। क्लाउड सर्विसेज का मतलब है इंटरनेट आधारित डेटा स्टोरेज, प्रोसेसिंग और नेटवर्किंग सॉल्यूशंस, जो कंपनियों को अपने डिजिटल ऑपरेशंस को अधिक लचीला और सुरक्षित बनाने में मदद करता है। इस अधिग्रहण के जरिए इंफोसिस का लक्ष्य ऑस्ट्रेलियाई बाजार में अपनी मौजूदगी को और मजबूत करना है। वर्तमान में इंफोसिस की वैश्विक उपस्थिति काफी व्यापक है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया जैसे विकसित बाजार में अपनी पकड़ और गहरी करना कंपनी के लिए रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। वर्सेंट ग्रुप की स्थानीय विशेषज्ञता और ग्राहक नेटवर्क का फायदा उठाकर इंफोसिस स्थानीय क्लाइंट्स को बेहतर और तेज सेवाएं दे पाएगी।
सूत्रों के अनुसार यह सौदा वित्त वर्ष 2026 की दूसरी छमाही तक पूरा होने की संभावना है। हालांकि, इसके लिए ऑस्ट्रेलिया के फॉरेन इन्वेस्टमेंट रिव्यू बोर्ड और ऑस्ट्रेलियन कॉम्पिटिशन एंड कंज्यूमर कमीशन की मंजूरी जरूरी होगी। इन संस्थाओं की मंजूरी इसलिए आवश्यक है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विदेशी निवेश से स्थानीय बाजार में प्रतिस्पर्धा प्रभावित न हो और राष्ट्रीय हितों को नुकसान न पहुंचे। वित्तीय दृष्टिकोण से देखा जाए तो 153 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश इंफोसिस के लिए एक रणनीतिक पूंजी निवेश है, जो न केवल उसकी सेवाओं के दायरे को बढ़ाएगा बल्कि ऑस्ट्रेलिया में बड़े कॉर्पोरेट ग्राहकों तक पहुंच भी आसान करेगा। वर्सेंट के पास पहले से ही प्रमुख वित्तीय संस्थानों, ऊर्जा कंपनियों और सरकारी विभागों के साथ मजबूत व्यावसायिक संबंध हैं, जिससे इंफोसिस को सीधे नए कॉन्ट्रैक्ट्स और प्रोजेक्ट्स मिलने की संभावना है।
टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री में क्लाउड सर्विसेज की मांग लगातार बढ़ रही है, खासकर सरकारी और वित्तीय क्षेत्रों में, जहां डेटा सुरक्षा और स्केलेबिलिटी बेहद महत्वपूर्ण है। ऐसे में यह अधिग्रहण इंफोसिस को इन सेक्टर्स में प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले बढ़त दिला सकता है। साथ ही, टेल्स्ट्रा जैसी प्रतिष्ठित ऑस्ट्रेलियाई कंपनी के साथ साझेदारी इंफोसिस की ब्रांड वैल्यू को भी वहां के बाजार में मजबूत बनाएगी। कुल मिलाकर, यह सौदा इंफोसिस की ग्लोबल स्ट्रैटेजी के अनुरूप है, जिसमें वह उभरते और विकसित दोनों तरह के बाजारों में अपनी मौजूदगी का विस्तार कर रही है। वर्सेंट ग्रुप के अधिग्रहण से इंफोसिस न केवल तकनीकी क्षमताओं में वृद्धि करेगी, बल्कि स्थानीय प्रतिभाओं और विशेषज्ञों की टीम का भी फायदा उठाएगी, जो ऑस्ट्रेलियाई ग्राहकों की आवश्यकताओं को गहराई से समझते हैं। यदि नियामक मंजूरी समय पर मिल जाती है, तो आने वाले वर्षों में यह डील इंफोसिस के लिए राजस्व और प्रतिष्ठा दोनों के लिहाज से फायदेमंद साबित हो सकती है।