इंदौरताजा खबरमध्य प्रदेश

सिर्फ 40 किमी दूर आर्मी स्टेशन, फिर भी 11 घंटे बाद बुलाया, इतनी देर न करते तो शायद कुछ जिंदगियां बच जातीं

इंदौर। गुरुवार को रामनवमी की पूजा के बीच इंदौर के श्री बेलेश्वर महादेव मंदिर में हुए हादसे के बाद प्रशासन की बदइंतजामी सामने आई। हादसा तो बड़ा था ही, बावड़ी में गिरने वालों की संख्या भी काफी अधिक थी। लेकिन अधिकारी घटना की गंभीरता को भांपने में चूक कर गए। पहले फायर ब्रिगेड, नगर निगम और स्थानीय प्रशासन के लोग ही रेस्क्यू में लगे रहे। कुछ देर बाद एसडीआरएफ आई, लेकिन घंटों की मशक्कत के बाद महज 14 लोगों के शव बरामद किए जा सके। रेस्क्यू भी काफी धीमा रहा। 17 लोगों की जान बचाई जा सकी।

पहले तो प्रशासन खुद ही बावड़ी में गिरने वालों की संख्या 25 ही मान रहा था। रात 10 बजे तक लापता लोगों की संख्या बढ़नी शुरू हुई। अपनों को खोजते लोग प्रशासन के पास पहुंचे तो अफसरों को समझ आया कि ऐसे काम नहीं बनने वाला। इसके बाद महू से आर्मी बुलाई गई। फौज ने सरियों को काटना शुरू किया तो महज तीन घंटे के अंदर शव निकलने शुरू हो गए।

सीएम को देख फूटा लोगों का गुस्सा

जब शुक्रवार सुबह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान घटनास्थल पर पहुंचे तो उन्हें देखकर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और वह भड़क गए। लोगों ने सरकार के खिलाफ हाय-हाय और सीएम मुर्दाबाद के नारे लगाए। दरअसल, लोगों का यह गुस्सा प्रशासनिक व्यवस्थाओं को लेकर था। हर चीज में लेट लतीफी की गई, आर्मी भी लेट बुलाई, बचान के दौरान रस्से टूट गए, बावड़ी के पानी को खाली करने के लिए लाई गई मोटर फेल हो गई। जितना पानी निकाला जा रहा है, उतना ही पानी वापस आ जाता। सवाल यह उठता है की हादसे के कई घंटे बीत जाने के बाद भी इंदौर के पास इतने साधन नहीं थे कि बावड़ी में फंसे शवों को निकाला जा सके।

बगल में आर्मी का सेंटर महू है इसके बावजूद NDRF को बुलाने में 7 घंटे लगा दिए। जबकि, सेना को बुलाने में 11 घंटे लगाए। रात 12 बजे सेना ने मोर्चा संभाला। दो-तीन घंटे बाद उन्होंने 6 शव और बरामद कर लिए। इससे साफ है कि अगर सेना को दिन में ही बुला लेते तो रेस्क्यू ऑपरेशन बहुत जल्द ही शुरू हो जाता और लोगों के बचने की संभावना अधिक होती।

11 लोगों का अंतिम संस्कार शाम 4 बजे

हादसे में दिवंगत गुजराती समाज के 11 लोगों का अंतिम संस्कार आज शाम 4 बजे सामूहिक रूप से रीजनल पार्क मुक्तिधाम पर किया जाएगा। अंतिम यात्रा भी पटेल नगर स्थित समाज की धर्मशाला से ही निकलेगी। बता दें कि सुनील सोलंकी नामक एक व्यक्ति अभी भी लापता हैं। उनकी तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

20 साल पहले डली थी स्लैब

एप्पल अस्पताल में भर्ती मंदिर के पुजारी लक्ष्मीनारायण शर्मा ने बताया श्रीराम जी की आरती होने वाली थी। इसी दौरान हादसा हुआ। उन्होंने बताया कि मंदिर करीब 60 साल पुराना है। हादसे के वक्त मंदिर में 50 लोग थे। पंकज पटेल ने बताया कि हवन की पूर्णाहूति करने वाले थे कि एकदम से स्लैब बैठ गया। उन्होंने बताया कि पहले छोटा मंदिर था। करीब 20 साल पहले यह स्लैब डाला गया था। पीछे नए मंदिर का निर्माण हो रहा है। हादसे के वक्त मंदिर में 40 से 50 लोग थे।

कैसे हुई घटना

स्नेह नगर स्थित श्री बेलेश्वर महादेव मंदिर में यह हादसा गुरुवार सुबह उस वक्त हुआ, जब रामनवमी के चलते मंदिर में हवन-पूजन के साथ कन्या भोज चल राह था। इसी बीच अचानक बावड़ी धंसने से करीब 50 लोग इसमें गिर गए और अफरा-तफरी मच गई। मंदिर में मौजूद लोगों ने जैसे-तैसे कुछ लोगों को बाहर निकाला। हादसे के बाद भी बावड़ी के आसपास की जमीन लगातार धंसती रही। कुछ लोग किसी तरह निकाले गए, लेकिन ऊपर आते-आते वे जमीन में समा गए। शुक्रवार सुबह पांच बजे तक 35 लोगों के शव निकल चुके थे।

मृतकों के परिजनों को 5 लाख की सहायता

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा –  जिन्हें हम बचा नहीं पाए, उन परिवारों के साथ सरकार खड़ी है। जो हमारे भाई-बहन नहीं रहे, उनके परिवारों को पांच लाख रुपए की राहत राशि देंगे। जो घायल हैं, उन्हें 50-50 हजार अलग से दे रहे हैं और पूरे इलाज की व्यवस्था नि:शुल्क होगी। और कोई उपाय करने होंगे तो हम करेंगे। दुख की इस घड़ी में हम पीड़ित परिवारों के साथ हैं।

ये भी पढ़ें- इंदौर में रामनवमी पर बड़ा हादसा : कन्याभोज के दौरान मंदिर की बावड़ी धंसी, बच्चों समेत 50 से ज्यादा लोग गिरे, 35 की मौत

ये भी पढ़ें- इंदौर बावड़ी हादसा : 35 मौतों के बाद घटनास्थल पर पहुंचे शिवराज पर फूटा गुस्सा, लोगों ने लगाए मुर्दाबाद के नारे

ये भी पढ़ें- इंदौर बावड़ी हादसा : मां की मौत से बेखबर फोन में उलझी हैं 6 साल की जुड़वां बहनें, 2 साल का भाई भी लापता

संबंधित खबरें...

Back to top button