इंदौरमध्य प्रदेश

इंदौर बावड़ी हादसा : मां की मौत से बेखबर फोन में उलझी हैं 6 साल की जुड़वां बहनें, 2 साल का भाई भी लापता

बेलेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी बोले- श्रीराम जी की आरती से पहले होने वाली थी कि अचानक स्लैब गिर गया

इंदौर। 6 साल की मासूम एलिना और उसकी जुड़वा बहन को नहीं मालूम कि अब उसकी मम्मी इस दुनिया में नहीं रहीं। दो साल के भाई की भी खबर नहीं है। पूरा परिवार सुबह रामनवमी पर भगवान शिव के मंदिर गया था और चंद सेकंड में जुड़वा बहनों की दुनिया उजड़ गई।

परिवार के 6 लोग गए थे मंदिर

घटन के बारे में जानकारी देतीं एलिना के परिवार की सदस्य भूमिका।

एप्पल अस्पताल में भर्ती एलिना और उसकी बहन मोबाइल फोन पर उलझी थीं। पूछने पर बोलीं हम गिर गए थे। कहां गए थे- इस पर कहती है- भगवान शिव के मंदिर में गए थे। वहीं गिर गए थे। मासूम बच्ची को इससे ज्यादा कुछ नहीं पता है। बच्चियों की देखरेख कर रहे परिवार की भूमिका ने बताया कि दोनों जुड़वा बहनें हैं। अपनी दुनिया उजड़ जाने से बेखबर बच्चियां मोबाइल फोन देख रही हैं, लेकिन उनकी आंखों में मां को लेकर सवाल हैं। भूमिका ने बताया कि हमारी फैमिली के 6 सदस्य मंदिर गए थे। 4 तो आ गए हैं। इन बच्चियों की मां की मृत्यु हो गई है। दो साल का एक बच्चा भी बाहर नहीं आया है।

20 साल पहले डली थी स्लैब

अस्पताल में भर्ती मंदिर के पुजारी। हादसे में उन्हें भी चोटें आई हैं।

एप्पल अस्पताल में भर्ती मंदिर के पुजारी लक्ष्मीनारायण शर्मा ने बताया श्रीराम जी की आरती होने वाली थी। इसी दौरान हादसा हुआ। उन्होंने बताया कि मंदिर करीब 60 साल पुराना है। हादसे के वक्त मंदिर में 50 लोग थे। पंकज पटेल ने बताया कि हवन की पूर्णाहूति करने वाले थे कि एकदम से स्लैब बैठ गया। उन्होंने बताया कि पहले छोटा मंदिर था। करीब 20 साल पहले यह स्लैब डाला गया था। पीछे नए मंदिर का निर्माण हो रहा है। हादसे के वक्त मंदिर में 40 से 50 लोग थे।

पूरा अस्पताल इमरजेंसी में शिफ्ट

अस्पताल में पहुंचे मरीजों के बारे में जानकारी देतीं एप्पल अस्पताल की डायरेक्टर।

एप्पल अस्पताल की डायरेक्टर ने बताया कि जैसे ही हमें हादसे की खबर लगी, हमने डिजास्टर मैनेजमेंट टीम को आगे किया। हमने कोड ग्रीन के तहत अनाउंस किया और पूरी की पूरी टीम इमरजेंसी में आ गई। क्लीनिकल में डॉ. खान और पीडियाट्रिक के डॉक्टर वरुण गर्ग के नेतृत्व में काम शुरू किया। हमारे पास जो घायल आएं, उनमें बच्चे, महिलांए और वरिष्ठ नागरिक भी थे। फार्मेसी से भी दवाएं आदि पूरी मंगवा लीं। हमने अलग-अलग टीमें बनाकर काम किया। उन्होंने बताया कि घायलों में एक पेशेंट वेंटिलेटर पर है। एक की सर्जरी करनी पड़ेगी। तीन बच्चे आईसीयू में हैं, लेकिन स्टेबल हैं। उन्होंने बताया कि तीन मरीजों को मृत लाया गया था।

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