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जम्मू-कश्मीर : LOC पर घुसपैठ की दो कोशिश नाकाम, पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकी ने उगले कई राज

जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में एलओसी पर भारतीय सेना के जवानों ने पाकिस्तानी आतंकियों की ओर से घुसपैठ की दो कोशिशों को नाकाम कर दिया है। जिसमें एक पाकिस्तानी आतंकवादी को जिंदा पकड़ लिया गया, जबकि विस्फोट में दो की मौत हो गई। वहीं पकड़े गए फिदायीन आतंकी ने कई खुलासे किए हैं।

उपचाराधीन आतंकी ने खोले राज

नौशेरा सेक्टर में पकड़ा गया फिदायीन आतंकी नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सेना की अग्रिम चौकियों पर बड़े हमले के लिए आया था। राजोरी के सैन्य अस्पताल में उपचाराधीन तबारक हुसैन ने पूछताछ में पूरी साजिश के बारे में बताया। उसके मुताबिक, पाकिस्तानी सेना की खुफिया एजेंसी आईएसआई में कर्नल रैंक के अधिकारी यूसुफ चौधरी ने आतंकियों का फिदायीन दस्ता हमले के लिए भेजा था। मौके पर उसके साथ दो और आतंकी थे। पकड़े गए फिदायीन तबारक हुसैन को हमले के लिए 30 हजार रुपए दिए गए थे, लेकिन तारबंदी काटने के दौरान तबारक को सतर्क जवानों ने फायरिंग कर घायल कर दिया। वहीं बाकी आतंकी मौके से भाग निकले।

21 अगस्त को घुसपैठ की कोशिश

नौशेरा के झंगर सेक्टर में तैनात जवानों ने 21 अगस्त को तड़के एलओसी पर 2-3 आतंकियों की गतिविधि देखी। उनमें से एक आतंकी भारतीय चौकी के करीब आया और बाड़ काटने की कोशिश की। जवानों द्वारा की गई फायरिंग में वो घायल हो गया और उसे पकड़ लिया गया। इसके साथ आए दो आतंकी जंगल की आड़ लेकर फरार हो गए। घायल आतंकी को जवानों ने अस्पताल में भर्ती कराया।
गौरतलब है कि पकड़े गए तबारक को उसके भाई हारून अली के साथ 2016 में भी पकड़ा गया था, जिसे कुछ वर्ष जेल में रखने के बाद पाकिस्तान को लौटा दिया गया था।

तबारक के छह भाई, परिवार में 15 लोग

तबारक ने बताया कि उसके 6 भाई हैं। परिवार में कुल 15 लोग हैं। तारबंदी के पास जब वह फायरिंग से घायल हुआ तो साथी आतंकी उसे छोड़कर भाग गए। फायरिंग में घायल होने पर तबारक बिलख कर चिल्ला रहा था – मैं यहां मरने आया था, मुझे यहां से निकालो भाई जान।

कई हथियार हुए बरामद

पाकिस्तानी सेना के मेजर ने दी थी आतंकी बनने की ट्रेनिंग

नौशेरा में पकड़ा गया तबारक लंबे समय से आतंकवाद से जुड़ा था। तबारक ने बताया कि उसे पाकिस्तानी सेना के मेजर रजाक ने ट्रेनिंग दी थी। साथी आतंकियों के साथ मैं मरने के लिए आया था लेकिन मेरे साथ धोखा हुआ। साथी मुझे छोड़कर चले गए और मैं यहां भारतीय फौज के हाथों पकड़ा गया।

तबारक ने बताया कि पाकिस्तानी सेना आतंकियों की ट्रेनिंग के लिए कई कैंप चला रही है। उसने लश्कर-ए-ताइबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों के साथ छह माह की ट्रेनिंग ली है। राजोरी मिलिट्री अस्पताल के कमांडेंट ब्रिगेडियर राजीव नायर ने कहा कि गिरफ्तार किए जाने के दौरान तबारक जोर-जोर से ‘मैं मरने के लिए आया था, मुझे धोखा दे दिया, भाई जान मुझे यहां से निकालो’ बोल रहा था।

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