Shivani Gupta
8 Nov 2025
Aakash Waghmare
7 Nov 2025
वॉशिंगटन डीसी। भारत और अमेरिका के बीच जल्द ही एक बड़ी व्यापारिक डील की घोषणा हो सकती है। व्हाइट हाउस की ओर से इस संबंध में सकारात्मक संकेत दिए गए हैं। वहीं दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों पर भी जोर दिया गया है, खासकर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत की भूमिका को सराहा गया है।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने प्रेस वार्ता में कहा कि, “एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत अमेरिका का एक बेहद अहम रणनीतिक साझेदार है। राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी के बीच मजबूत संबंध हैं और यह आगे भी कायम रहेंगे।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच व्यक्तिगत रिश्ते भरोसेमंद और सहयोगात्मक हैं। यह बयान ऐसे समय आया है जब चीन की बढ़ती गतिविधियों के बीच अमेरिका एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अपने रणनीतिक सहयोगियों के साथ गठबंधन मजबूत करने की कोशिश में है।
कैरोलिन लेविट ने बताया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि, “भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील लगभग तैयार है।” उन्होंने आगे कहा कि, “हमारे वाणिज्य मंत्री ने राष्ट्रपति के साथ ओवल ऑफिस में इस मुद्दे पर चर्चा की है और जल्द ही इस पर अपडेट मिलेगा।” संभावना है कि राष्ट्रपति ट्रंप अपने आगामी भारत दौरे पर इस डील का ऐलान कर सकते हैं।
भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर इस समय अमेरिका में हैं और वहां वे QUAD विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग ले रहे हैं। इसी दौरान उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में एक खास प्रदर्शनी “The Human Cost of Terrorism” का उद्घाटन भी किया, जिससे आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन को मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा है।
QUAD (Quadrilateral Security Dialogue) भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया का एक रणनीतिक समूह है, जिसका उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में स्थिरता, स्वतंत्रता और सहयोग को बढ़ावा देना है। यह समूह चीन की बढ़ती प्रभावशाली गतिविधियों के बीच एक मजबूत संतुलन बनाता है। भारत इस समूह का एक महत्वपूर्ण सदस्य है।
प्रधानमंत्री मोदी ने आगामी क्वाड समिट के लिए राष्ट्रपति ट्रंप को भारत आने का निमंत्रण भेजा है, जिसे ट्रंप ने स्वीकार भी कर लिया है। उम्मीद है कि इस दौरे के दौरान ट्रेड डील को अंतिम रूप दिया जाएगा और सार्वजनिक रूप से इसकी घोषणा की जाएगी।
भारत सरकार ने भी संकेत दिया है कि वह अमेरिका के साथ व्यापारिक समझौते के लिए तैयार है, लेकिन कुछ शर्तों के साथ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारत आईटी, ऑटोमोबाइल और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को लेकर सकारात्मक है, लेकिन अपने हितों की रक्षा करना भी जरूरी मानता है।