Mithilesh Yadav
17 Oct 2025
अशोक गौतम
भोपाल। हार्टिकल्चर विभाग में संचालक के पद पर पदस्थ रहे तीन आईएफएस अफसरों के कार्यकाल में लगभग 250 करोड़ की गड़बड़ी के मामले में जांच अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। इन अधिकारियों द्वारा आरोपों पर दिए गए जवाब से विभाग संतुष्ट नहीं है। हार्टिकल्चर विभाग के तत्कालीन संचालक और वर्तमान में पीसीसीएफ मनोज अग्रवाल और रिटायर्ड आईएफएस एम. काली दुरई व सत्यानंद पर अनियमितताओं के आरोप हैं। इनमें से एक अधिकारी सत्यानंद का मामला अभी भी हार्टिकल्चर में अटका है। उनके सेवाकाल में रहते विभाग से उन पर चार्जशीट जारी नहीं की गई। इन तीनों अधिकारियों के मामले वर्ष 2018 से लेकर 2022 के बीच के हैं।
एम. काली दुरई के कार्यकाल में कोल्ड स्टोरेज निर्माण, पॉली हाउस निर्माण और स्प्रिंकलर के लिए किसानों को दिए अनुदान में गड़बड़ी हुई थी। इन्होंने पहले से बने कोल्ड स्टोरेज को करोड़ों रुपए का अनुदान बांट दिया था। प्रारंभिक जांच में दुरई दोषी ठहराए गए थे।
सत्यानंद के कार्यकाल में पॉली हाउस, शेडनेट हाउस, वॉक इन टनल के साथ ही कृषि यंत्रों की खरीदी में दिशा-निर्देशों का पालन नहीं हुआ। हितग्राहियों की जगह किसान एग्रोटेक व अन्य कंपनियों के भुगतान के आरोप हैं। अमानक कृषि यंत्र भी खरीदे गए।
मनोज अग्रवाल पर प्याज के बीज खरीदी में गड़बड़ी के आरोप हैं। उनके कार्यकाल में बागवानी नर्सरियों में प्रमाणित बीजों की दर 1,100 रु. प्रति किलो तय होने के बावजूद, 2,300 रु. प्रति किलो की दर से प्याज के बीज खरीदे। ये बीच एमपी एग्रो के अलावा अन्य संस्थाओं से खरीदे गए थे।
इन अफसरो में एम. काली दुरई को 23 जनवरी 2021 को चार्जशीट जारी की गई थी। सत्यानंद के मामले में विभाग द्वारा इन्हें चार्जशीट ही नहीं दी गई, हालांकि 2022 में इनके खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत की गई थी। मनोज अग्रवाल को 2023 में चार्जशीट दी गई।
आईएफएस अधिकारी मनोज अग्रवाल सेवानिवृत्त आईएफएस अधिकारी काली दुरई के संबंध में विभाग ने अभिमत मांगा था, विभाग ने अपना अभिमत भेज दिया है।
अनुपम राजन, अपर मुख्य सचिव, हार्टिकल्चर विभाग
प्रधान मुख्य वन संरक्षक मनोज अग्रवाल, सेवानिवृत्त आईएफएस सत्यानंद, काली दुरई पर विभाग की तरफ से क्या कार्रवाई हुई है, यह याद नहीं है। तीनों के मामलों की फाइल देखकर ही कुछ बता पाऊंगा।
अशोक बर्णवाल, अपर मुख्य सचिव, वन विभाग विभाग