Manisha Dhanwani
4 Nov 2025
Peoples Reporter
4 Nov 2025
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बादल फटने की घटनाओं के बाद हालात बेहद खराब हो गए हैं। अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 30 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं। राहत और बचाव कार्य जारी है। प्रशासन की टीमें लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही हैं।
थुनाग, जंजैहली, बगशयाड़ और करसोग क्षेत्र के करीब 100 गांवों में बीते 32 घंटे से बिजली गुल है। इन इलाकों में टोटल ब्लैकआउट है। साथ ही, मोबाइल नेटवर्क भी ठप हो गया है जिससे संचार व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है।
मंगलवार को किन्नौर में भी बादल फटा, लेकिन राहत की बात यह रही कि वहां से किसी मौत की खबर नहीं आई है।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बुधवार को मंडी जिले के धर्मपुर में बारिश और बादल फटने से प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे और राहत कार्यों की समीक्षा करेंगे।
राज्य आपदा राहत बल (SDRF) ने बीते 24 घंटों में 370 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला है। 24 घर और 12 गोशालाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं। करीब 30 मवेशियों की जान चली गई और 50 से ज्यादा गाड़ियां पानी में बह गईं। बिजनी में एक निर्माणाधीन टनल भी ढह गई, हालांकि मजदूरों ने समय रहते भागकर जान बचा ली।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि भारी बारिश और बादल फटने से प्रदेश में अब तक 500 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
मंडी जिले में ही 300 से अधिक सड़कें बंद हैं।
24 जून को कुल्लू के बिहाली गांव में बादल फटने से तीन लोग बह गए थे, जिनमें से सिर्फ एक लड़की का शव मिला है। वहीं धर्मशाला के खनियारा में 8 मजदूर बाढ़ की चपेट में आए थे, जिनमें से 7 के शव बरामद हो चुके हैं।