
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बादल फटने की घटनाओं के बाद हालात बेहद खराब हो गए हैं। अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 30 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं। राहत और बचाव कार्य जारी है। प्रशासन की टीमें लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही हैं।
100 गांवों में ब्लैकआउट, मोबाइल नेटवर्क ठप
थुनाग, जंजैहली, बगशयाड़ और करसोग क्षेत्र के करीब 100 गांवों में बीते 32 घंटे से बिजली गुल है। इन इलाकों में टोटल ब्लैकआउट है। साथ ही, मोबाइल नेटवर्क भी ठप हो गया है जिससे संचार व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है।
किन्नौर में भी फटा बादल
मंगलवार को किन्नौर में भी बादल फटा, लेकिन राहत की बात यह रही कि वहां से किसी मौत की खबर नहीं आई है।
सीएम सुक्खू करेंगे प्रभावित क्षेत्रों का दौरा
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बुधवार को मंडी जिले के धर्मपुर में बारिश और बादल फटने से प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे और राहत कार्यों की समीक्षा करेंगे।
370 लोगों का रेस्क्यू, करोड़ों की संपत्ति को नुकसान
राज्य आपदा राहत बल (SDRF) ने बीते 24 घंटों में 370 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला है। 24 घर और 12 गोशालाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं। करीब 30 मवेशियों की जान चली गई और 50 से ज्यादा गाड़ियां पानी में बह गईं। बिजनी में एक निर्माणाधीन टनल भी ढह गई, हालांकि मजदूरों ने समय रहते भागकर जान बचा ली।
सीएम बोले- 500 करोड़ से ज्यादा का नुकसान
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि भारी बारिश और बादल फटने से प्रदेश में अब तक 500 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
- 406 से ज्यादा सड़कें बंद
- 1515 बिजली के ट्रांसफॉर्मर ठप
- 171 पेयजल योजनाएं प्रभावित
मंडी जिले में ही 300 से अधिक सड़कें बंद हैं।
पहले भी कुल्लू और धर्मशाला में हुए थे नुकसान
24 जून को कुल्लू के बिहाली गांव में बादल फटने से तीन लोग बह गए थे, जिनमें से सिर्फ एक लड़की का शव मिला है। वहीं धर्मशाला के खनियारा में 8 मजदूर बाढ़ की चपेट में आए थे, जिनमें से 7 के शव बरामद हो चुके हैं।