चंबा। हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के भरमौर में मणिमहेश यात्रा के दौरान भारी बारिश और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है। पहाड़ से पत्थर गिरने और ऑक्सीजन की कमी के चलते अब तक 11 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। मृतकों में 3 पंजाब, 1 उत्तर प्रदेश और 5 चंबा के रहने वाले बताए जा रहे हैं, जबकि दो की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। फिलहाल प्रशासन ने यात्रा को पूरी तरह से रोक दिया है।
भरमौर में करीब 3 हजार लोग फंसे हैं। पुलिस ने दावा किया है कि सभी सुरक्षित हैं, लेकिन श्रद्धालुओं का कहना है कि हालात बेहद कठिन हैं। वहीं स्थानीय लोग प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। रावी नदी और मणिमहेश नाले में आई बाढ़ से रास्ते और पुल बह गए हैं। सैकड़ों श्रद्धालु 70–80 किलोमीटर का पैदल सफर तय करके चंबा पहुंचे।
सुक्खू सरकार के कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी भरमौर की ओर पैदल रवाना हुए ताकि हालात का प्रत्यक्ष निरीक्षण कर सकें। हालांकि, रास्ते में उन्हें श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। लोगों ने आरोप लगाया कि प्रशासनिक इंतजाम पूरी तरह नाकाम रहे और यात्रियों को उनके भरोसे छोड़ दिया गया।
एयरफोर्स का हेलिकॉप्टर बुजुर्गों और बीमार लोगों को निकालने के लिए लगाया गया है। गुरुवार को ही 3,280 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया, जिनमें 280 बच्चे शामिल हैं। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं।
लगातार बारिश से भरमौर और चंबा के बीच का नेशनल हाईवे कई जगह से टूट चुका है। दिल्ली से आए नीतिन नामक श्रद्धालु ने बताया कि वे 62 जगह भूस्खलन को पार करते हुए चंबा पहुंचे। कई स्थानों पर एक किलोमीटर तक सड़क पूरी तरह बह चुकी है।
सिर्फ चंबा ही नहीं, बल्कि हिमाचल के कई जिलों में हालात बिगड़े हुए हैं। प्रदेश में 795 सड़कें बंद हैं, 1230 ट्रांसफार्मर और 416 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। चंबा के अलावा मंडी, कांगड़ा और शिमला में भी लगातार बारिश और भूस्खलन से जनजीवन अस्त-व्यस्त है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चंबा, मंडी और कांगड़ा जिलों के लिए अगले दो दिनों का रेड अलर्ट जारी किया है। 1 से 3 सितंबर तक भी भारी वर्षा की संभावना जताई गई है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मणिमहेश यात्रा के दौरान हुई मौतों पर शोक व्यक्त किया है और प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया है। उन्होंने जिला प्रशासन को सड़क संपर्क बहाल करने और फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने के निर्देश दिए हैं।
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में फिर फटा बादल : रुद्रप्रयाग और चमोली में तबाही, 2 लोग लापता; अलकनंदा डेंजर लेवल के ऊपर