हाईकोर्ट ने बच्चा बदलने के मामले में डीएनए टेस्ट कराने के आदेश दिए
एक दंपति ने अस्पताल में बच्चा बदलने का आरोप लगाया है
Publish Date: 3 Sep 2021, 3:00 PM (IST)Reading Time: 2 Minute Read
पीपुल्स संवाददाता, ग्वालियर। हाईकोर्ट ने जन्म के दौरान बच्चा बदलने का आरोप के मामले में सुनवाई करते हुए हैदराबाद की शासकीय लैब में डीएनए टेस्ट कराने का आदेश दिया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि चूंकि यह पितृत्व विवाद है और बच्चा अस्पताल में बदला गया था तो डीएनए टेस्ट पर आने वाला आधा खर्च डाक्टरों से लिया जाए। कोर्ट ने कहा कि डीएनए रिपोर्ट आने के बाद यह तय किया जाएगा।
एक महिला ने सात जुलाई 2020 को टेस्ट ट्यूब बेबी को जन्म दिया था। महिला ने मुरार के निजी अस्पताल पर आरोप था कि उसने लड़के को जन्म दिया था, लेकिन उसे बेटी दे दी गई है। इसका सबूत उनके पास है। अस्पताल से जो पर्चे मिले हैं और बर्थ सर्टिफेकट में मेल लिखा हुआ है। वहीं अस्पताल की ओर से कहा गया है कि गलती से फीमेल की जगह मेल लिख गया है, टाइपिंग मिस्टेक है। याचिकाकर्ता ने लड़की को जन्म दिया था। इसलिए याचिका सुनवाई योग्य नहीं है।
इस मामले में कोर्ट ने बच्ची के डीएनए टेस्ट का आदेश दिया है। कोर्ट ने पहले गुजरात की लैब से डीएनए टेस्ट कराने का आदेश दिया था। लेकिन बाद में कोर्ट ने हैदराबाद की शासकीय लैब से टेस्ट कराने के निर्देश दिए हैं। दंपती को सीएमएचओ के यहां टेस्ट पर आने वाले खर्च व खून के नमूने देने होंगे।