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Hathras Stampede : राहुल गांधी पीड़ितों के घर पहुंचे, रोती मां को गले लगाया, बिलखती बच्चों को संभाला, कहा- परेशान न हो, अब आप हमारा परिवार

उत्तर प्रदेश। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शुक्रवार (5 जुलाई) सुबह हाथरस हादसे के पीड़ितों से उनके घर पहुंचकर मुलाकात की। इस दौरान परिजन उनके गले लगकर रो पड़े। राहुल गांधी ने पीड़ितों को आश्वासन दिया है कि वह संसद में इस मामले को उठाएंगे और उन्हें न्याय दिलाने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा- बोले- बिल्कुल टेंशन मत लो, हम तुम्हारे साथ हैं। आप सब मेरा परिवार हैं। हम इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे।

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अलीगढ़ में राहुल गांधी ने मुन्नी देवी और आशा देवी के परिजनों से मुलाकात की। इन दोनों की भगदड़ में मौत हुई थी। साथ ही वह घायल माया देवी के परिवारवालों से भी मिले। अलीगढ़ के पिलखना गांव में प्रेमवती के परिवार और शांति देवी के बेटे से मुलाकात की।

प्रशासन की कमी तो है – राहुल गांधी

हाथरस भगदड़ दुर्घटना के शोक संतप्त परिवारों से मिलने के बाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा- दुख की बात है। बहुत परिवारों को नुकसान हुआ है। काफी लोगों की मृत्यु हुई है। प्रशासन की कमी तो है और गलतियां हुई हैं। मुआवजा सही मिलना चाहिए। मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से विनती करता हूं कि दिल खोलकर मुआवजा दें। मुआवजा जल्दी से जल्दी देना चाहिए। परिवारवालों से मेरी बातचीत हुई है।

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हाथरस हादसे के पीड़ितों से मिले राहुल गांधी

चरणों की धूल लेने टूटी भीड़ और भगदड़ मची

उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई। भगदड़ मचने की असल वजह बाबा के चरणों की धूल लेने के लिए लोग टूट पड़े थे। भोले बाबा जब निकले, तो चरण रज लेने के लिए महिलाएं टूट पड़ीं। भीड़ हटाने के लिए वॉलंटियर्स ने वाटर कैनन से पानी की बौछार कर दी। बचने के लिए भीड़ इधर-उधर भागने लगी और भगदड़ मच गई। लोग फिसले और जमीन पर गिरे, फिर एक-दूसरे को रौंदते हुए निकल गए।

भोले बाबा पर यौन शोषण समेत कई गंभीर आरोप

भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल है। बता दें कि वह एटा जिले की पटयाली तहसील के गांव बहादुर नगरी के रहने वाले हैं। पढ़ाई के बाद UP पुलिस में नौकरी लग गई। UP के 12 थानों के अलावा इंटेलिजेंस यूनिट में सूरज पाल की तैनाती रही। नौकरी के दौरान उसके खिलाफ यौन शोषण का मुकदमा दर्ज होने के बाद उसे पुलिस विभाग से बर्खास्त किया गया।

जेल से छूटने के बाद उसने अपना नाम नारायण हरि उर्फ साकार विश्वहरि रख लिया और प्रवचन देना शुरू किया। बाबा ने ‘सत्संग’ करना शुरू कर दिया तो लोग उसे भोले बाबा कहने लगे। सूरजपाल उर्फ भोले बाबा की कोई संतान नहीं है। सत्संग में बाबा की पत्नी भी साथ रहती हैं। बहादुर नगर में आश्रम स्थापित करने के बाद भोले बाबा की प्रसिद्धि गरीबों और वंचित वर्गों के बीच तेजी से बढ़ी और लाखों लोग अनुयायी बन गए।

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