हाथरस। उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ मामले में गुरुवार को पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने नारायण साकार विश्व हरि के छह सेवादारों को गिरफ्तार किया है। इनमें चार पुरुष और दो महिलाएं शामिल हैं। उन्होंने बताया कि ये सभी आयोजन समिति के सदस्य हैं और ‘सेवादार’ के रूप में काम करते थे। ये लोग भगदड़ मचने के समय मौके से भाग गए थे। अलीगढ़ आईजी शलभ माथुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी है।
मुख्य आरोपी पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित
इस घटना के मुख्य आयोजक, मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया गया है। उसके खिलाफ जल्द ही गैर जमानती वारंट भी जारी किया जाएगा।
IG ने कहा- जांच में इस चीज को भी देखा जाएगा कि किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा कोई आपराधिक षड्यंत्र तो नहीं किया गया था।
गिरफ्तार आरोपियों के नाम
- राम लड़ैते पुत्र रहबारी सिंह यादव, निवासी भानपुरा थाना कुरावली जनपद, मैनपुरी
- उपेन्द्र सिंह यादव पुत्र रामेश्वर सिंह, निवासी बाईपास एटा रोड थाना, शिकोहाबाद
- मेघ सिंह पुत्र9 हुकुम सिंह, निवासी मौ दमदपुरा थाना सिकंदराराऊ, हाथरस
- मंजू यादव पत्नी सुशील कुमार, निवासी कचौरा थाना सिकंदराराऊ, हाथरस
- मुकेश कुमार पुत्र मोहर सिंह प्रेमी, निवासी न्यू कॉलोनी दमदपुरा थाना सिकंदराराऊ, हाथरस
- मंजू देवी पत्नी किशन कुमार यादव, निवासी कचौरा थाना सिकंदराराऊ, हाथरस
चरणों की धूल लेने टूटी भीड़ और भगदड़ मची
उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई। भगदड़ मचने की असल वजह बाबा के चरणों की धूल लेने के लिए लोग टूट पड़े थे। भोले बाबा जब निकले, तो चरण रज लेने के लिए महिलाएं टूट पड़ीं। भीड़ हटाने के लिए वॉलंटियर्स ने वाटर कैनन से पानी की बौछार कर दी। बचने के लिए भीड़ इधर-उधर भागने लगी और भगदड़ मच गई। लोग फिसले और जमीन पर गिरे, फिर एक-दूसरे को रौंदते हुए निकल गए।
भोले बाबा पर यौन शोषण समेत कई गंभीर आरोप
भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल है। बता दें कि वह एटा जिले की पटयाली तहसील के गांव बहादुर नगरी के रहने वाले हैं। पढ़ाई के बाद UP पुलिस में नौकरी लग गई। UP के 12 थानों के अलावा इंटेलिजेंस यूनिट में सूरज पाल की तैनाती रही। नौकरी के दौरान उसके खिलाफ यौन शोषण का मुकदमा दर्ज होने के बाद उसे पुलिस विभाग से बर्खास्त किया गया।
जेल से छूटने के बाद उसने अपना नाम नारायण हरि उर्फ साकार विश्वहरि रख लिया और प्रवचन देना शुरू किया। बाबा ने ‘सत्संग’ करना शुरू कर दिया तो लोग उसे भोले बाबा कहने लगे। सूरजपाल उर्फ भोले बाबा की कोई संतान नहीं है। सत्संग में बाबा की पत्नी भी साथ रहती हैं। बहादुर नगर में आश्रम स्थापित करने के बाद भोले बाबा की प्रसिद्धि गरीबों और वंचित वर्गों के बीच तेजी से बढ़ी और लाखों लोग अनुयायी बन गए।
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