Priyanshi Soni
6 Nov 2025
Naresh Bhagoria
6 Nov 2025
People's Reporter
5 Nov 2025
इंदौर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने शाहबानो केस पर आधारित फिल्म ‘हक’ की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। शाहबानो की बेटी और कानूनी वारिस सिद्दिका बेगम खान की ओर से फिल्म के रिलीज, प्रदर्शन और प्रमोशन पर रोक लगाने की मांग की गई थी, लेकिन कोर्ट ने फिल्म निर्माताओं के पक्ष में फैसला सुनाया। अब यह फिल्म 7 नवंबर को नियत तारीख पर रिलीज होगी।
शाहबानो की बेटी सिद्दिका बेगम खान ने कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि फिल्म ‘हक’ में उनकी मां की जिंदगी को तोड़-मरोड़कर दिखाया गया है। याचिका में फिल्म के डायरेक्टर सुपर्ण एस. वर्मा, जंगली पिक्चर्स, बावेजा स्टूडियोज और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) के चेयरपर्सन को पक्षकार बनाया गया था।
सिद्दिका का कहना था कि फिल्म में शरिया कानून की नकारात्मक छवि पेश की गई है, जिससे मुस्लिम समुदाय की भावनाएं आहत हो सकती हैं। साथ ही फिल्म के निर्माताओं ने शाहबानो के परिवार या कानूनी वारिस से अनुमति लिए बिना उनके जीवन पर फिल्म बनाई है।
हाईकोर्ट में सोमवार को करीब दो घंटे तक सुनवाई चली थी। मंगलवार को फैसला सुरक्षित रखने के बाद बुधवार को अदालत ने यह निर्णय सुनाया। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता सिद्दिका बेगम की ओर से एडवोकेट तौसीफ वारसी ने तर्क रखा कि फिल्म के टीजर और ट्रेलर में दिखाए गए कुछ दृश्य और संवाद न केवल असत्य हैं बल्कि उनकी मां की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाले हैं।
उन्होंने कहा, “फिल्म के कुछ डायलॉग ऐसे हैं जो परिवार की गरिमा को गिराते हैं। शाहबानो बेगम ने समाज में महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई लड़ी थी, लेकिन फिल्म में इस संघर्ष को गलत तरीके से पेश किया गया है।”
वहीं, फिल्म निर्माता कंपनी जंगली पिक्चर्स की ओर से सीनियर एडवोकेट अजय बागड़िया और इंसोमनिया मीडिया एंड कंटेंट सर्विसेज लिमिटेड की ओर से हितेश मेहता ने पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि फिल्म का उद्देश्य किसी की छवि खराब करना नहीं बल्कि समाज में महिला अधिकारों के महत्व को दिखाना है।
एडवोकेट बागड़िया ने कहा, “डायलॉग या दृश्यों में ऐसा कुछ नहीं है जिससे किसी की प्रतिष्ठा धूमिल होती हो। फिल्म को संवेदनशीलता और सम्मान के साथ बनाया गया है।”
अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि फिल्म में ऐसा कोई ठोस आधार नहीं दिखता जिससे यह कहा जा सके कि शाहबानो की छवि या उनके परिवार की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई है। कोर्ट ने यह भी कहा कि रचनात्मक कार्यों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में देखा जाना चाहिए, जब तक कि वे किसी के अधिकारों का गंभीर उल्लंघन न करें। इस आधार पर हाईकोर्ट ने सिद्दिका बेगम की याचिका को खारिज कर दिया।
फिल्म ‘हक’ सुपर्ण एस. वर्मा द्वारा निर्देशित है और इसे जंगली पिक्चर्स व बावेजा स्टूडियोज ने प्रोड्यूस किया है। यह फिल्म 1970 के दशक में हुए ऐतिहासिक शाहबानो केस पर आधारित है, जिसने देश में मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों और ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर गहरी बहस को जन्म दिया था। फिल्म का उद्देश्य महिला सशक्तिकरण और न्यायिक संघर्ष की कहानी को पर्दे पर लाना बताया गया है।
हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद फिल्म ‘हक’ की रिलीज का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है। यह फिल्म 7 नवंबर को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज होगी। निर्माताओं ने कहा है कि फिल्म समाज में जागरूकता लाने और महिलाओं के अधिकारों पर चर्चा को आगे बढ़ाने का काम करेगी।