गौरी नंदन गणेश जी 27 अगस्त 2025 को घर-घर में विराजेंगे। अगर आप भी इस गणेश चतुर्थी बप्पा की स्थापना करने वाले हैं, तो कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
मिट्टी का गणपति ही लाएं
- गणेश जी की मूर्ति हमेशा मिट्टी की होनी चाहिए।
- मूर्ति का मुख दाहिनी तरफ (सूंड दाहिनी ओर) हो और गणेश जी बैठे हुए हों।
- मूर्ति के साथ चूहा भी जरूर होना चाहिए।
स्थापना के समय ध्यान रखें
- मूर्ति को एक बार स्थापित कर देने के बाद केवल विसर्जन के समय ही हटाएं।
- गणपति का मुख सीधे दरवाजे की तरफ न हो।
- सबसे शुभ स्थान : ब्रह्म स्थान, पूर्व दिशा और उत्तर-पूर्व कोण।
- दक्षिण और नैऋत्य दिशा में स्थापना करना वर्जित है।
आरती और भोग
- गणेश जी की स्थापना 1, 3, 5 या 10 दिन के लिए कर सकते हैं।
- जितने दिन बप्पा घर में हैं, उतने दिन सुबह-शाम उनकी आरती करें और भोग लगाएं।
घर में साफ-सफाई और नियम
- बप्पा घर में होने तक घर खाली न छोड़ें।
- स्थापना वाली जगह पर अंधेरा न रखें।
- रोजाना सफाई करें।
- घर में तामसिक भोजन न बनाएं और ग्रहण न करें।
मूर्ति का चयन
- बप्पा को घर लाते समय या मूर्ति खरीदते समय ध्यान रखें कि मूर्ति खंडित न हो।
- खंडित मूर्ति की पूजा करना वर्जित है।