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Kuno के बाद गांधीसागर अभयारण्य में चीतों को बसाने की कवायद तेज, केन्या के अफसरों की टीम ने लिया जायजा

मंदसौर। श्योपुर जिले का कूनो नेशनल पार्क इन दिनों चीतों से गुलजार है। वहीं अब मंदसौर जिले के गांधीसागर अभयारण्य में चीतों को बसाने की कवायद तेज हो गई है। केन्या के एक प्रतिनिधिमंडल ने गांधी सागर अभयारण्य में चीतों को बसाने की तैयारियों का जायजा लेने के लिए इस क्षेत्र का दौरा किया है।

दो दिन दौरा कर देखी व्यवस्थाएं

अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि 6 सदस्यीय दल ने 21 और 22 मई को मंदसौर और नीमच जिलों में फैले अभ्यारण्य का दौरा किया। दो साल पहले राज्य के श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में चीतों को लाने बाद सरकार उन्हें गांधी सागर में भेजने की योजना बना रही है। वन अधिकारी ने बताया कि पहले दिन केन्या के दल ने चीतों को केएनपी में भेजने और उन्हें वहां बसाने के लिए अनुकूल माहौल विकसित करने की तैयारियों के संबंध में कार्ययोजना की जानकारी हासिल की।

गांधी सागर अभयारण्य में पहुंचा केन्या का दल – फोटो : सोशल मीडिया

दूसरे दिन इसने 30 दिनों की प्रारंभिक अवधि के लिए बाड़ों की व्यवस्था सहित 6,400 हेक्टेयर में बने बाड़ों का दौरा किया। उन्होंने बताया कि दल ने चीतों की निगरानी के लिए कैमरों और उनके लिए जल स्रोतों का भी निरीक्षण किया। दल को उन उपकरणों और प्रौद्योगिकी से अवगत कराया गया जिनका उपयोग भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के विशेषज्ञ जानवरों की निगरानी के लिए करेंगे।

दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया के साथ MOU

बता दें कि भारत से विलुप्त हो चुके चीतों को देश में चीतों को बसाने के लिए भारत सरकार का अभी तक दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया के साथ एमओयू है। अब अगर केन्या को तैयारियां और परिस्थितियां अनुकूल लगती हैं तो वहां से भी चीते लाए जाएंगे। केन्या से आए दल के साथ नेशनल टाइगर कंज़र्वेशन अथॉरिटी के एआईजी स्तर के अधिकारी, कूनो नेशनल पार्क डायरेक्टर, वन संरक्षक उज्जैन, वन मंडल अधिकारी मंदसौर एवं गांधीसागर का स्थानीय स्टाफ उपस्थित रहा।

कूनो में 20 चीतों को लाया गया था

कूनो नेशनल पार्क में 17 सितंबर 2022 को 8 नामीबियाई चीतों को छोड़ा गया था। फरवरी 2023 में अन्य 12 चीतों को दक्षिण अफ्रीका से पार्क में लाया गया। वर्तमान में कूनो में 27 चीते हैं, जिनमें 14 शावक भी शामिल हैं जो भारत की धरती पर ही जन्में हैं।

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