भोपाल। केंद्र सरकार से बजट लेने में इस बार भी कई विभाग पीछे रहे गए, जबकि वन, मछुआ कल्याण और लोक निर्माण विभाग टॉप थ्री में हैं। केंद्र का अंश नहीं मिलने से जनजातीय कार्य विभाग अन्तर्गत कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति पर असर पड़ा है तो पिछड़ा वर्ग कल्याण भी शत प्रतिशत छात्रवृत्ति देने में पीछे है। इसके अलावा ऊर्जा और पशुपालन विभाग को कुछ भी नहीं मिला है। इस समस्या को लेकर फरवरी में विधानसभा सत्र के दौरान विधायकों ने प्रश्न भी लगाए थे। उच्च शिक्षा मंत्री ने मार्च अंत तक निराकरण करने का आश्वासन दिया था लेकिन वित्त विभाग के पोर्टल के अनुसार 29 फरवरी की स्थिति में केंद्र से राशि हासिल नहीं हो सकी। वर्ष 2023-24 के लिए केंद्र सरकार ने राज्य के लिए पचास हजार करोड़ का प्रावधान किया था। इसमें राज्य का हिस्सा 15 हजार करोड़ से ज्यादा है जबकि केंद्र को 34 हजार करोड़ देना है। इस प्रावधान में राज्य को 28 फरवरी तक 23 हजार 326 करोड़ की राशि प्राप्त हो चुकी है जो कुल राशि का 67 प्रतिशत है।
जल जीवन मिशन में हमें 11,800 करोड़ (केंद्र-राज्य) की राशि उपलब्ध हो चुकी है। इस राशि का उपयोग भी शत प्रतिशत हो रहा है।
राज्य शासन ने 11 हजार करोड़ का प्रावधान किया है। वित्त विभाग ने मार्च में जो सीलिंग की थी, उसका पूरा पालन हुआ है। केंद्र से भी राशि उपलब्ध हो रही है।
वित्त विभाग के अधिकृत पोर्टल में कई विभागों को केंद्रीय अंश नहीं मिलने की जानकारी है। जबकि विभागों के अफसरों का कहना है कि केंद्रीय अंश मिल चुका है।
ऐसी जानकारी नहीं दे सकते देखिए, बजट और खर्च संबंधी ऐसी कोई जानकारी हम अधिकृत तौर पर नहीं दे सकते। थैंक्यू। (संपर्क काट दिया गया) बिक्की कार्तिकेय, संचालक, बजट