नई दिल्ली। हाई एल्टीट्यूड इलाकों के लिए लंबे समय से सेना में हल्के टैंकों की जरूरत महसूस की जा रही थी। शनिवार को डीआरडीओ ने गुजरात के हजीरा में अपने लाइट बैटल टैंक जोरावर एलटी की झलक दिखाई। 2020 में चीन से गलवान में खूनी भिड़ंत के बाद सेना को ऊंचे पहाड़ी इलाकों के लिए लाइट टैंक की आवश्यकता थी।
ये हैं खूबियां
- 25 टन वजन, जो टी-90 जैसे भारी टैंकों के वजन का आधा
- 19 वीं सदी के डोगरा जनरल जोरावर सिंह के नाम पर रखा नाम
105 मिमी या उससे अधिक कैलिबर की गन, जो एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल दागीं जा सकती हैं।
- जोरावर लाइट वेट टैंक लद्दाख जैसे हाई एल्टीट्यूड इलाकों में सेना को बेहतर क्षमता देने के लिए डिजाइन्ड।
- मॉड्यूलर एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर और एक्टिव प्रोटेक्शन सिस्टम इसे हमलों से सुरक्षित रखता है।
- बेहतर मोबिलिटी के लिए 30 एचपी/टन का पावर-टू-वेट है।
- इसमें ड्रोन और साथ ही बैटल मैनेजमेंट सिस्टम भी लगाया गया है।
- सेना ने शुरूआत में केवल 59 जोरावर टैंकों का ऑर्डर दिया है।