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क्रिप्टोकरेंसी निवेशक ध्यान दें : वित्त मंत्री ने कहा- अभी न लीगलाइज…न ही बैन

भारत में क्रिप्टोकरेंसी का क्या भविष्य है, इस पर मंथन का दौर चल रहा है। इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी संसद में इस करेंसी पर बड़ा बयान दिया है। वहीं केंद्रीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक बार फिर क्रिप्टो को लेकर निवेशकों को चेताया है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कही ये बात

बजट में सरकार द्वारा क्रिप्टोकरेंसी से हुए मुनाफे पर 30% का टैक्स लगाने के बाद क्रिप्टो एक्सचेंजों ने ये संदेश समझा था कि अनाधिकारिक रूप से ही सही, लेकिन ये वैध हो गई है। क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी मान्यता के मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संसद के चालू बजट सत्र के दौरान कहा कि सरकार के पास क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजेक्शन से होने वाले बेनिफिट पर टैक्स लगाने का सॉवरेन राइट है। उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी की वैधता को भी स्पष्ट करते हुए कहा कि वर्चुअल एसेट्स पर टैक्स लगाने का मतलब यह नहीं है कि सरकार इसे वैध कर रही है।

अभी न लीगलाइज और न ही बैन

सीतारमण ने कहा, “मैं इसे अभी लीगलाइज या बैन करने नहीं जा रही हूं। इस पर प्रतिबंध लगाने या नहीं लगाने का फैसला बाद में होगा। जब हमें इसके बारे में पूरा इनपुट मिल जाएगा, फिर यह फैसला होगा।”

लगाया जाएगा 30 फीसदी टैक्स

गौरतलब है कि बजट 2022-23 में वर्चुअल एसेट से हुए मुनाफे पर 30 फीसदी टैक्स लगाने की बात कही गई थी। इसके अलावा इसके ट्रांजेक्शन पर भी 1 फीसदी टीडीएस लगाने का एलान किया गया था। साथ ही इस प्रकार की संपत्ति उपहार देने पर भी काराधान का प्रस्ताव किया गया है। टीडीएस के लिए सीमा निर्धारित व्यक्तियों के लिए 50,000 रुपए सालाना होगी। इसमें व्यक्ति / हिंदू अविभाजित परिवार शामिल हैं। उन्हें आयकर कानून के तहत अपने खातों का ऑडिट कराना होगा। साथ ही इसमें लेन-दने से होने वाली आय की गणना के समय किसी प्रकार के व्यय या भत्ते को लेकर कटौती का कोई प्रावधान नहीं है।

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1 अप्रैल से लागू होगा नया नियम

सरकार 1 अप्रैल से किसी भी डिजिटल संपत्ति या क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन से होने वाले फायदे पर 30 प्रतिशत टैक्स लगाएगी। वहीं क्रिप्टोकरेंसी पर एक प्रतिशत टीडीएस का प्रावधान एक जुलाई, 2022 से प्रभाव में आएगा।

RBI ने कहा- देश की सुरक्षा को बताया खतरा

भारतीय रिजर्व बैंक क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देने के खिलाफ रहा है। उसने बार-बार कहा है कि इसे मान्यता देने से देश की सुरक्षा को खतरा पैदा होगा। इसके अलावा इकोनॉमिक और फाइनेंशियल स्टैबिलिटी के लिए भी ठीक नहीं है।

RBI की डिजिटल करेंसी को ही दी जाएगी मान्यता

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस पोस्ट बजट में कहा था कि RBI जो जारी करेगा वह एक डिजिटल मुद्रा है। इसके बाहर जो कुछ भी प्रचलित है वह व्यक्तियों द्वारा बनाई जा रही संपत्ति है और हम उन परिसंपत्तियों के लेनदेन से होने वाले मुनाफे पर 30 फीसदी कर लगा रहे हैं। 1 फरवरी को उन्होंने कहा कि केवल आरबीआई द्वारा जारी ‘डिजिटल रुपया’ को ही डिजिटल मुद्रा के रूप में मान्यता दी जाएगी।

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