Naresh Bhagoria
19 Nov 2025
इंदौर के सदर बाजार थाना क्षेत्र में 22 जुलाई को स्कूल से छुटने के बाद तीन छात्र होमवर्क पूरा न करने से इतने डर गए थे, कि वह घर छोड़कर जयपुर भाग निकले। तीनों बच्चों ने इंदौर से एक जयपुर जाने वाली ट्रेन के लोकल डब्बे में बैठ गए. जयपुर पहुंचने पर टिकट चेकर ने जब देखा कि तीनों ही नाबालिक है। छोटे-छोटे बच्चे हैं। तो उन्होंने तुरंत चाइल्ड लाइन को संपर्क किया.
सदर बाजार थाना क्षेत्र में रहने वाले तीनों
जयपुर चाइल्ड लाइन ने बच्चों से पूछताछ कर उनसे इंदौर का पता लिया । सदर बाजार थाना क्षेत्र में रहने वाले तीनों ही बच्चों को इंदौर पहुंचाया . जहां पर बच्चों ने यह बताया कि वह होमवर्क से काफी घबरा गए थे। उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि स्कूल जाकर फिर से क्या बोलेंगे इसलिए वह स्कूल छूटने के बाद घर न जाते हुए ट्रेन में बैठ गए और जयपुर जा पहुंचे।
टीटी ने देखा तो चाइल्ड लाइन से किया सम्पर्क –
सदर बाजार पुलिस ने बताया कि 22 जुलाई को स्कूल छूटने के बाद कुशवाहा नगर भागीरथपुरा और लोखंडेपुल के रहने वाले मल्हारगंज आश्रम में पढाई करने वाले नवी कक्षा के तीन छात्रों के रिपोर्ट दर्ज हुई थी। परिवार ने बताया कि रोजाना की तरह स्कूल से दोपहर के समय वापस आ जाया करते हैं. लेकिन जब देर शाम तक वापस नहीं आए। तो उन्होंने थाने में संपर्क किया पुलिस द्वारा गुमशुदगी की रिपोर्ट डालने के बाद पुलिस को सूचना मिली कि जयपुर में तीनो 9 वी कक्षा के छात्र को चाइल्ड लाइन ने पकड़ा है. जो कि अपने आप को इंदौर का बता रहे हैं।
जयपुर चाइल्ड लाइन से संपर्क किया-
जिसके बाद सदर बाजार थाना प्रभारी ने तुरंत जयपुर चाइल्ड लाइन से संपर्क किया जहां पर तीनों बच्चों के फोटो मिलान के बाद यह कंफर्म हो पाया कि तीनों ही बच्चे इंदौर के सदर बाजार के रहने वाले थे। बच्चों ने बताया कि वह होमवर्क पूरा नहीं कर पा रहे थे। दबाव के चलते तीनों ने घर छोड़ दिया।
माता-पिता भी उन्हें डाटेंगे-
उन्हें यह डर था कि स्कूल में टीचर भी डाटेंगी और घर जाने के बाद उनके माता-पिता भी उन्हें डाटेंगे। इस कारण से तीनों बच्चों ने ट्रेन पकड़ कर उससे वह जयपुर चले गए उन्हें नहीं मालूम था ट्रेन कहां जाती है। लेकिन गनीमत यह रही कि जयपुर के टीसी ने तुरंत चाइल्ड लाइन को संपर्क कर बच्चों को सौंप दिया वरना मानव तस्करी जैसा कोई बड़ा घटनाक्रम हो सकता था। जयपुर चाइल्ड लाइन द्वारा तीनों बच्चों को सुरक्षित इंदौर भेज दिया गया है वही बच्चो को परिजनों को सौप दिया हैं।