ताजा खबरराष्ट्रीय

Arvind Kejriwal Interim Bail : तिहाड़ जेल से बाहर आए अरविंद केजरीवाल, SC ने 1 जून तक अंतरिम जमानत दी; AAP ने लिखा- तानाशाही का अंत करने वो आ गया…

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। 10 मई की शाम को केजरीवाल तिहाड़ जेल से बाहर आ गए हैं। जेल से रिहा होने के बाद केजरीवाल ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा- मैंने कहा था कि मैं जल्दी आऊंगा, आ गया।

केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं से कहा- आप से निवेदन है हमें सबको मिलकर देश को तानाशाही से बचाना है। मैं तन मन धन से लड़ रहा हूं। तानाशाही के खिलाफ संघर्ष कर रहा हूं। आज आपके बीच आके अच्छा लग रहा है। कल सुबह 11 कनॉट प्लेस हनुमान जी के मंदिर में मिलेंगे। हनुमान जी का आशीर्वाद लेंगे। 1 बजे पार्टी ऑफिस में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।

तानाशाही का अंत करने वो आ गया – AAP

50 दिनों के बाद जेल से बाहर आए केजरीवाल

केजरीवाल को 1 जून तक अंतरिम जमानत मिली

दिल्ली शराब नीति मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। शुक्रवार (10 मई) को देश की सर्वोच्च अदालत ने केजरीवाल को 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दी है। केजरीवाल दिल्ली शराब नीति मामले में 40 दिन से तिहाड़ जेल में बंद हैं। आज शाम तक वह चुनाव प्रचार करने के लिए बाहर आ सकेंगे, इस पर कोई रोक नहीं होगी। वह लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अपनी पार्टी के लिए कैंपेनिंग कर सकते हैं। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि केजरीवाल को दो जून को सरेंडर करना पड़ेगा।

केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दिल्ली सीएम की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका पर जुलाई में सुनवाई की मांग की। सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर कहा कि केजरीवाल की इस याचिका पर बहस भी अगले हफ्ते खत्म करने की कोशिश करेंगे।

केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से हटाया जाना चाहिए – संजय निपुरम

अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर शिवसेना नेता संजय निपुरम ने कहा- जेल या जमानत के बजाय, पहले उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाया जाना चाहिए। एक आरोपी जेल से सरकार कैसे चला सकता है ?

1 जून के बाद केजरीवाल को वापस जेल जाना होगा – मनजिंदर सिंह

केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा- अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले में लिप्त हैं, सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साफ है कि उन्हें सिर्फ चुनाव के लिए जमानत दी गई है। 1 जून के बाद उन्हें वापस जेल जाना होगा।

21 मार्च को गिरफ्तार हुए थे केजरीवाल

ईडी ने लगभग दो घंटे की पूछताछ के बाद अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को उनके आधिकारिक आवास से गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें शुक्रवार (22 मार्च) को राऊज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया और पूछताछ के लिए 10 दिनों की रिमांड मांगी, लेकिन कोर्ट ने छह दिन की रिमांड दी। 28 मार्च को केजरीवाल की रिमांड अवधि खत्म हुई, जो बाद में 1 अप्रैल तक बढ़ा दी गई। कोर्ट ने केजरीवाल को 1 अप्रैल से 15 अप्रैल तक के लिए ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा था। जिसके बाद फिर से राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 23 अप्रैल तक बढ़ा दी। केजरीवाल​​​​​​ को तिहाड़ जेल में 2 नंबर बैरक में रखा गया है।

HC ने रिमांड को सही ठहराया

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार (9 अप्रैल) को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत देने वाली याचिका खारिज कर दी और शराब नीति मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी-रिमांड को सही ठहराया। हाईकोर्ट ने कहा- ED ने हमारे सामने पर्याप्त सबूत पेश किए। अपनी याचिका में केजरीवाल ने कहा था कि उनकी गिरफ्तारी PMLA (मनी लॉन्ड्रिंग कानून) की धारा-19 का उल्लंघन है। जिस पर जस्टिस स्वर्ण कान्त शर्मा ने कहा कि ईडी द्वारा जुटाए गए तथ्यों से पता चलता है कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की शराब नीति बनाने में आरोपियों के साथ मिलकर साजिश रची और इससे मिले पैसों का इस्तेमाल गोवा इलेक्शन में किया।

हालांकि, 10 अप्रैल को अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।  उन्होंने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

जेल से जारी कर चुके दो आदेश

केजरीवाल अब तक जेल से दो आदेश भी जारी कर चुके हैं।

पहला आदेश : केजरीवाल ने पहला सरकारी आदेश 24 मार्च को जल मंत्रालय के नाम जारी किया था। उन्होंने जल मंत्री आतिशी को निर्देश दिया था कि, दिल्ली में जहां पानी की कमी है, वहां टैंकरों का इंतजाम करें।

दूसरा आदेश : केजरीवाल ने दूसरा सरकारी आदेश 26 मार्च को स्वास्थ्य मंत्रालय के नाम जारी किया था। उन्होंने निर्देश दिए थे कि, मोहल्ला क्लिनिक में गरीबों के लिए दवाओं की कमी नहीं होनी चाहिए। लोगों को मुफ्त जांच और दवाई मुहैया कराई जाए।

पहली बार किसी सीएम की हुई गिरफ्तारी

यह पहला ऐसा मामला है जब किसी मुख्यमंत्री को पद पर रहते हुए ही गिरफ्तार कर लिया गया है। इससे पहले जो भी सीएम किसी आरोप के कारण जांच या फिर गिरफ्तारी के दायरे में आए थे, उन्होंने अपने पद से पहले ही इस्तीफा दे दिया था। इससे पहले झारखंड के पूर्व CM हेमंत सोरेन को ED ने गिरफ्तार किया था। सोरेन ने ED की हिरासत में राजभवन जाकर इस्तीफा दे दिया था। ऐसे में अब दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

क्या है पूरा मामला ?

दिल्ली में केजरीवाल की सरकार में डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च 2021 को नई शराब नीति का ऐलान किया था। 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति यानी एक्साइज पॉलिसी 2021-22 लागू कर दी गई। नई शराब नीति लागू करने के बाद सरकार शराब के कारोबार से बाहर आ गई और शराब की पूरी दुकानें निजी हाथों में चली गई। नई नीति लाने के पीछे सरकार का तर्क था कि इससे माफिया राज खत्म होगा और सरकार का रेवेन्यू में बढ़ेगा। नई नीति से रेवेन्यू में 1500-2000 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की उम्मीद जताई गई थी।

नई पॉलिसी में कहा गया था कि दिल्ली में शराब की कुल दुकानें पहले की तरह 850 ही रहेंगी। हालांकि, नई नीति शुरू से ही विवादों में रही। जब बवाल ज्यादा बढ़ गया, तब 28 जुलाई 2022 को सरकार ने नई शराब नीति रद्द कर फिर पुरानी पॉलिसी लागू कर दी। मामले में सीबीआई को जांच ट्रांसफर दी गई। मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा एंगल आने पर इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय की एंट्री हो गई। उसके बाद से AAP के कई सीनियर नेता और उनके करीबी सहयोगी जांच एजेंसी के निशाने पर आ गए।

ये भी पढ़ें- Delhi Liquor Scam : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से राहत, 1 जून तक अंतरिम जमानत मिली

संबंधित खबरें...

Back to top button