Mithilesh Yadav
22 Oct 2025
नई दिल्ली। दिवाली के दूसरे दिन बुधवार को दिल्ली और आसपास के इलाकों में घनी धुंध और जहरीली हवा छाई रही। राजधानी की हवा अब भी ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, सुबह 7 बजे दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 345 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ कैटेगरी में आता है। वहीं, पंजाबी बाग में AQI 433 और वजीरपुर में 401 रिकॉर्ड किया गया। दिल्ली के 38 में से 34 मॉनिटरिंग स्टेशन रेड जोन में हैं।
CPCB की रिपोर्ट के मुताबिक, दिवाली के बाद देश में सबसे ज्यादा प्रदूषित हवा हरियाणा की पाई गई है। सबसे ज्यादा प्रदूषित टॉप-10 शहरों में हरियाणा के 8 और राजस्थान का एक शहर शामिल है। दिल्ली 10वें स्थान पर रही। विशेषज्ञों का कहना है कि पटाखों, पराली जलाने और ठंडी हवा के कारण प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ा है।
सुप्रीम कोर्ट ने 15 अक्टूबर को आदेश जारी कर दिल्ली-NCR में 18 से 21 अक्टूबर के बीच केवल ग्रीन पटाखे बेचने और फोड़ने की अनुमति दी थी। कोर्ट ने यह भी कहा था कि लोग सिर्फ सुबह 6 से 7 बजे और रात 8 से 10 बजे तक पटाखे फोड़ सकेंगे।
लेकिन दिवाली की रात दिल्ली में इन आदेशों की जमकर धज्जियां उड़ीं। लोगों ने सुबह से लेकर देर रात तक पटाखे फोड़े। इससे अगले दिन सुबह घनी धुंध और धुआं फैल गया। मंगलवार सुबह राजधानी की हवा ‘रेड जोन’ में पहुंच गई।
दिल्ली में दिवाली की रात तय समय के बाद भी आतिशबाजी जारी रही। सोमवार शाम 4 बजे तक 24 घंटे का औसत AQI 345 दर्ज किया गया- जो “बेहद खराब” श्रेणी में है। पिछले वर्षों से तुलना करें तो 2024 में यह 330, 2023 में 218 और 2022 में 312 था। यानी इस साल का स्तर सबसे ज्यादा है।
दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण के स्तर के आधार पर ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) लागू किया जाता है।
वर्तमान में GRAP-I लागू है, जिसके तहत एनसीआर की एजेंसियों को 27 निवारक उपायों को सख्ती से लागू करना है। इनमें एंटी-स्मॉग गन, पानी का छिड़काव, सड़क निर्माण के दौरान धूल नियंत्रण और रखरखाव गतिविधियों की निगरानी जैसे कदम शामिल हैं।
गाजियाबाद के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. शरद जोशी ने कहा है कि प्रदूषण के इस स्तर पर लोग बिना जरूरत बाहर निकलने से बचें। अगर बाहर जाना जरूरी हो तो N95 या डबल सर्जिकल मास्क पहनें। उन्होंने बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है।
दिल्ली-एनसीआर में हवा बिगड़ने की एक बड़ी वजह पराली जलाना भी है। हरियाणा और पंजाब में धान कटाई के बाद किसान खेतों में पराली जलाते हैं, जिससे भारी धुआं उठकर दिल्ली की ओर फैल जाता है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने 2015 में पराली जलाने पर प्रतिबंध लगाया था। इसके बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने 2021 में नए नियम बनाए। इसके तहत