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Manisha Dhanwani
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Mithilesh Yadav
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टेक्सास। अमेरिका के डलास शहर में भारतीय मूल के व्यक्ति चंद्र नागमल्लैया की हत्या ने पूरी अमेरिकी राजनीति में हलचल मचा दी है। इस घटना पर पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन नेता डोनाल्ड ट्रंप ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने न केवल इस हत्या की कड़ी निंदा की, बल्कि मौजूदा बाइडेन प्रशासन की आव्रजन नीतियों को भी जिम्मेदार ठहराया। ट्रंप ने साफ कहा कि उनके शासन में अवैध आप्रवासियों के प्रति नरमी का दौर खत्म हो चुका है और आरोपी को कानून की पूरी हद तक सजा दिलाई जाएगी।
10 सितंबर को डलास के एक मोटल में यह भयावह वारदात हुई। 57 वर्षीय चंद्र नागमल्लैया वहां मैनेजर के पद पर काम करते थे। उनका सहकर्मी और कर्मचारी योर्डानिस कोबोस-मार्टिनेज (37) वॉशिंग मशीन को लेकर उनसे भिड़ गया। विवाद इतना बढ़ा कि आरोपी ने नागमल्लैया पर कई बार चाकू से हमला किया और फिर माचेते (चौड़े ब्लेड वाला चाकू) से उनका सिर काट दिया। यह पूरा घटनाक्रम नागमल्लैया की पत्नी और बेटे के सामने हुआ, जो मौके पर उन्हें बचाने पहुंचे थे।
डलास पुलिस के मुताबिक, आरोपी योर्डानिस कोबोस-मार्टिनेज मूल रूप से क्यूबा का अवैध अप्रवासी है। उसके खिलाफ पहले से ही कई आपराधिक मामले दर्ज थे, जिनमें बाल यौन शोषण, कार चोरी और जबरन बंधक बनाने जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं। हालांकि, क्यूबा ने उसे वापस लेने से इनकार कर दिया था और बाइडेन प्रशासन के दौरान उसे रिहा कर दिया गया। इस ढिलाई का खामियाजा नागमल्लैया और उनके परिवार को भुगतना पड़ा।
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा- "यह जघन्य अपराध हमारे देश में कभी नहीं होना चाहिए था। आरोपी अब हमारी हिरासत में है और उस पर प्रथम डिग्री हत्या का मुकदमा चलेगा। उसे बिना पैरोल के आजीवन कारावास या मृत्युदंड की सजा मिलेगी।"
ट्रंप ने आगे कहा कि उनकी टीम –होमलैंड सिक्योरिटी सचिव क्रिस्टी नोएम, अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी और बॉर्डर जार टॉम होमन अमेरिका को फिर से सुरक्षित बनाने में जुटी है।
ट्रंप ने बाइडेन प्रशासन की आव्रजन नीतियों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि नरमी बरतने की वजह से ऐसे अपराधी अमेरिका में आजाद घूम रहे हैं। “अवैध अप्रवासी अपराधियों पर ढिलाई का समय अब खत्म हो चुका है। अब केवल सजा मिलेगी।”
डलास में रहने वाले भारतीय समुदाय और टेक्सास में बसे प्रवासी भारतीयों के बीच इस घटना ने गहरी चिंता और आक्रोश पैदा किया है। ह्यूस्टन स्थित भारतीय दूतावास ने भी इस हत्या पर गहरा दुख जताते हुए कहा है कि वे पीड़ित परिवार के संपर्क में हैं और हरसंभव सहायता मुहैया कराई जा रही है।