बदलापुर एनकाउंटर में कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला, पांच पुलिसवालों पर FIR दर्ज करने को कहा, आरोपी की कस्टडी में हुई थी मौत
Publish Date: 20 Jan 2025, 5:45 PM (IST)Reading Time: 2 Minute Read
महाराष्ट्र। अक्षय शिंदे एनकाउंटर मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आरोपी अक्षय शिंदे की पुलिस कस्टडी में हुई मौत का जिम्मेदार पांच पुलिसकर्मियों को ठहराया है। कोर्ट ने इस केस की विस्तृत जांच करने के आदेश दिए है। बता दें, आरोपी के पिता ने केस की जांच कराने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी।
कोर्ट ने कहा- पांचों पुलिसकर्मियों पर FIR दर्ज की जाए
यह केस चार महीने बाद सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में पेश किया गया। दरअसल, 12 अगस्त 2024 को बदलापुर में दो बच्चियों के साथ हुए यौन शोषण में अक्षय शिंदे को गिरफ्तार किया था। वो उस स्कूल में अटेंडेंट था। 23 सितंबर को अक्षय की एनकाउंटर में मौत हो गई थी। क्राइम ब्रांच की टीम अक्षय को तलोजा जेल से बदलापुर पूछताछ के लिए ले जा रही थी।
पुलिस वालों ने कहा था कि अक्षय ने वैन में पुलिस की रिवॉल्वर छीन कर फायर लिया था। पुलिस ने बचाव के लिए जवाबी फायर किया था, जिसमें अक्षय की मौत हो गई। बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस नीला गोखले की बेंच ने कहा कि इन पांचों पर FIR दर्ज की जाए। सरकार दो हफ्ते में बताइए कि इन पांचों पुलिसकर्मियों के मामले की जांच कौन सी एजेंसी करेगी।
आरोपी के पिता ने कहा- केस दबाने के लिए एनकाउंटर किया गया
आरोपी अक्षय के पिता ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एनकाउंटर की जांच कराने के लिए विशेष जांच टीम (SIT) गठित करने के याचिका दायर की थी। उन्होंने दावा किया था कि अक्षय को हिरासत में जमकर पीटा गया। केस को दबाने के लिए उसका एनकाउंटर कर दिया। इसके बाद हमें उसकी लाश तक नहीं देखने दी।
आरोपी की मां ने कहा- शव तक देखने नहीं दिया गया
आरोपी अक्षय शिंदे की मां ने एनकाउंटर के बाद कहा था कि हम अस्पताल के बाहर घंटो तक इंतजार करते रहे, लेकिन पुलिस वालों ने हमारे बेटे का शव तक नहीं देखने दिया। उसके खिलाफ यौन शोषण के आरोप साबित नहीं हुए थे। उसको तो पटाके तक फोड़ने से डर लगता था, वो पुलिस पर फायर कैसे कर सकता है। यह एनकाउंटर फर्जी और साजिश के तहत किया गया है। हम उसका शव नहीं लेंगे। हमारे बेटे ने बताया था कि पुलिस वाले डंडे से पीटते थे। जबरदस्ती बयान लिखते थे।