
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मध्यप्रदेश में बढ़ती कानून व्यवस्था की समस्या को लेकर मप्र सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि राज्य में पुलिसकर्मियों पर हमले, हत्या और पुलिस के अवैध धंधों में शामिल होने की घटनाएं गंभीर चिंता का विषय बन चुकी हैं। पटवारी ने राज्य सरकार की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से इस्तीफा देने की मांग की है।
पुलिसकर्मियों पर हमले की घटनाओं पर चिंता
पटवारी ने हाल ही की घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में पुलिसकर्मियों पर लगातार हमले हो रहे हैं। इंदौर में वकीलों द्वारा एक टीआई को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया, मऊगंज में आदिवासी द्वारा एएसआई की हत्या की गई और मंडला में पुलिस ने नक्सली बताकर एक आदिवासी की हत्या कर दी। ये घटनाएं दर्शाती हैं कि कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। पटवारी ने आगे कहा कि प्रदेश में अपराधों का स्तर बढ़ रहा है और पुलिसकर्मी खुद सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि गृहमंत्री के नेतृत्व में कानून व्यवस्था पूरी तरह से विफल हो चुकी है, और मुख्यमंत्री को जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए।
मंडला और मऊगंज की घटनाओं पर नाराजगी
पटवारी ने मंडला की घटना को लेकर कहा कि मंडला में पुलिस ने एक आदिवासी को नक्सली बताकर एनकाउंटर कर दिया। पुलिस ने बाद में अपनी गलती स्वीकार की, लेकिन यह घटना मप्र सरकार की नाकामी को उजागर करती है। साथ ही मऊगंज में हुई एएसआई की हत्या को भी उन्होंने निंदनीय बताया और इस पर सरकार से जवाबतलबी की।
बीजेपी ने किया पलटवार
बीजेपी प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने पटवारी के बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस के शासनकाल में अपराधों की स्थिति की याद दिलाई। सलूजा ने ट्वीट किया, “वो दिन अब नहीं रहे जब मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी, जब अपराधी मंत्री का गला काट कर ले जाते थे और जब नक्सली सक्रिय थे। उन्होंने पूछा कि पटवारी खुद अपने पार्टी के नेताओं के खिलाफ क्या कार्रवाई कर रहे हैं, जिनके खिलाफ विभिन्न आपराधिक आरोप हैं।
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