Aakash Waghmare
8 Oct 2025
Mithilesh Yadav
8 Oct 2025
vikrant gupta
8 Oct 2025
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन कांग्रेस विधायकों ने प्रदेश में बिगड़ती कानून-व्यवस्था और बढ़ते नशे के मामलों को लेकर विधानसभा भवन के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। विपक्षी नेता हाथों में नशे की पुड़िया और इंजेक्शन लेकर विधानसभा पहुंचे। कांग्रेस नेताओं का कहना था कि सरकार सिर्फ छोटी मछलियों पर कार्रवाई कर रही है, जबकि नशे के कारोबार की बड़ी मछलियां अब भी बेखौफ घूम रही हैं। सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया।
प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस विधायकों का आरोप था कि प्रदेश में नशे का जाल स्कूली बच्चों तक पहुंच गया है। सस्ती नशीली दवाएं, इंजेक्शन और पुड़िया हर गली-चौराहे पर बिक रही हैं, लेकिन सरकार सिर्फ दिखावटी कार्रवाई कर रही है। कांग्रेस विधायक सचिन यादव ने कहा कि सरकार बड़ी मछलियों को पकड़ने से बच रही है। उन्होंने सरकार से पूछा कि आखिर किन ताकतों के दबाव में असली आरोपियों को छोड़ा जा रहा है। विधायक विजयलक्ष्मी साधौ ने भी कहा कि यह शर्मनाक है कि हमारे युवा नशे में डूब रहे हैं और सरकार चुनावी प्रचार में लगी है।
प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक विपिन जैन ने मंदसौर के कालाखेत शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में अतिक्रमण का मामला उठाया। इस पर नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश हैं कि बारिश के मौसम में किसी भी अतिक्रमण को हटाने के नाम पर लोगों के मकान नहीं गिराए जाएंगे। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि जहां कानूनी रूप से आवश्यक होगा, वहां नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री ने जानकारी दी कि कालाखेत के मामले में अतिक्रमण दुकानों के बाहर साल 2002 से किया गया है, जिसमें साठीया समुदाय के लोग शामिल हैं। मंत्री ने भरोसा दिलाया कि इसकी जांच कराकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सदन में खाली पड़ी जमीनों को उपयोग में लाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार से पूछा कि क्यों शहरी इलाकों में उपलब्ध जमीनों का समुचित उपयोग नहीं किया जा रहा। इस पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जवाब दिया कि भोपाल में भेल की जमीन पर आवासीय योजनाओं को लेकर प्लानिंग की जा रही है। जल्द ही इसका खाका सामने लाया जाएगा।
भाजपा विधायक अशोक रोहाणी ने जबलपुर कैंट विधानसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लंबित आवेदनों को लेकर सरकार से जवाब मांगा। इस पर मंत्री विजयवर्गीय ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर 50 हजार करोड़ रुपए की लागत से पीएम आवास योजना के तहत निर्माण कार्य करेंगे। इसमें 25-25 हजार करोड़ रुपए दोनों सरकारें साझा रूप से खर्च करेंगी।
उन्होंने बताया कि जबलपुर के जिन आवेदनों की बात की जा रही है, वे तालाब की जमीन पर स्थित हैं, इसलिए इन्हें शिफ्ट करने की प्रक्रिया चल रही है। कलेक्टर से बात हो चुकी है, जल्द ही निर्णय लेकर निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
कांग्रेस विधायक अजय सिंह ने भोपाल के रंगमहल और टीटी नगर दशहरा मैदान के पास बने पीएम आवासों के आवंटन में हो रही देरी का मुद्दा उठाया। इस पर भाजपा नेता गोपाल भार्गव ने कहा कि राज्य सरकार की प्रक्रिया में कुछ पेच है, जिससे यह मामला अटका हुआ है। उन्होंने चेताया कि यदि समय रहते यह समस्या नहीं सुलझी तो मध्यप्रदेश पीएम आवास योजना में देश में नंबर वन की स्थिति से नीचे आ जाएगा। मंत्री ने माना कि ग्रामीण क्षेत्रों में इस योजना पर तेजी से काम हो रहा है, लेकिन शहरी इलाकों में प्रक्रिया थोड़ी जटिल होने से समय लग रहा है।
करैरा विधायक रमेश खटीक ने नरवर नगर परिषद क्षेत्र में लोहड़ी माता मंदिर के पास बन रहे नाले में गड़बड़ी का मामला उठाया। उन्होंने किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग की। मंत्री विजयवर्गीय ने जवाब देते हुए कहा कि जांच के लिए भोपाल से दो इंजीनियर भेजे जाएंगे और यदि आवश्यकता पड़ी तो दूसरी एजेंसी से भी जांच कराई जाएगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि गड़बड़ी सामने आने पर कड़ी कार्रवाई होगी।
सत्र के दौरान वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने वर्ष 2022-23 और 2023-24 की नियंत्रक महालेखा परीक्षक (CAG) की विभिन्न रिपोर्टें सदन में पेश कीं। इनमें उर्वरक प्रबंधन, पंचायत राज वित्त और राज्य वित्त पर रिपोर्ट शामिल थीं। इसके अलावा मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड की साल 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट भी सदन पटल पर रखी।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत प्रदेश में बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि अपराधियों में सरकार का कोई डर नहीं है। इस पर गृह मंत्री की ओर से जवाब देते हुए मंत्री नरेंद्र पटेल ने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था मजबूत है और अपराधियों पर सख्त कार्रवाई हो रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जा रहा है, चाहे वह किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ा हो।
कांग्रेस नेता सिंघार ने कहा कि ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में अपराध बढ़ रहे हैं, जहां मीडिया की पहुंच कम है। वहां त्वरित कार्रवाई नहीं होती। अपराधों का वर्गीकरण कर मामले निपटाए जा रहे हैं। 23,000 से अधिक बेटियां और महिलाएं लापता हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री के पास गृह मंत्रालय होने पर सवाल उठाए और कहा कि विधायकों पर केस के 72 घंटे बाद भी सरकार फैसला नहीं ले पाई। सिंघार ने गुजरात पुलिस द्वारा 1800 करोड़ के ट्रक और शारिक-शरीफ मछली मामले का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि सरकार के लोग अपराधियों को छुड़ाने में लगे हैं।
कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया ने पुलिस और रेत माफिया की मिलीभगत का आरोप लगाया। उन्होंने पंडोखर थाने में झूठे मुकदमे और रौन थाने को लूट-रेत माफिया का अड्डा बताया। उन्होंने कहा, कमजोर वर्ग की एफआईआर दर्ज नहीं होती। एक एएसआई की आत्महत्या का जिक्र करते हुए उन्होंने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने आपत्ति जताई कि यह ध्यानाकर्षण है, भाषण नहीं।
कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने झाबुआ की विधायक सेना महेश पटेल के बेटे के मामले में पुलिस की दोहरी कार्रवाई पर सवाल उठाए। उन्होंने अपने क्षेत्र में एक बीघा जमीन विवाद में हुई हत्या पर पुलिस की निष्क्रियता का मुद्दा उठाया। साथ ही 8 साल से लंबित पुलिस भर्तियों पर सवाल किए। रीवा में भाजपा की पूर्व विधायक द्वारा डीएसपी को धमकाने का मामला भी उठाया।
राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा कि एमपी पुलिस साइबर अपराधों पर तुरंत कार्रवाई करती है। उज्जैन के धार्मिक तनाव को छोटी घटना बताते हुए उन्होंने दावा किया कि कानून व्यवस्था सुदृढ़ है। हालांकि, कांग्रेस विधायक अभय मिश्रा ने गलत जानकारी देने का आरोप लगाया। सरकार के जवाब से असंतुष्ट नेता प्रतिपक्ष ने विरोध जताया, जिसके बाद कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी की और सदन से वॉकआउट कर दिया।
मानसून सत्र के पहले दिन कांग्रेस विधायकों ने 27% ओबीसी आरक्षण को लेकर जोरदार विरोध दर्ज कराया था। विधायक हाथों में तख्तियां और खिलौनों वाले गिरगिट लेकर विधानसभा पहुंचे थे। गांधी प्रतिमा के सामने नारेबाजी करते हुए उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकार बार-बार रंग बदल रही है और ओबीसी आरक्षण के साथ धोखा कर रही है।
दूसरे दिन कांग्रेस विधायकों ने भैंस के गेटअप में प्रदर्शन किया था। पोहरी विधायक कैलाश कुशवाह ने कहा था कि सरकार भैंस की तरह बेशर्म हो गई है, जो जनता की तकलीफों को देखकर भी चुप है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सिर्फ खा रही है और योजनाओं को डकार रही है। किसानों की फसल बर्बाद हो गई, गरीबों के मकान गिर गए, लेकिन सरकार ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया।