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दुर्लभ संयोग : अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करने वाले मुख्य पुजारी लक्ष्मीकांत दीक्षित और काबा के मुख्य देखभालकर्ता शेख सालेह अल शैबी का एक ही दिन हुआ निधन

नेशनल डेस्क। 22 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में अयोध्या में रामलला प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले मुख्य पुजारी लक्ष्मीकांत दीक्षित का शनिवार को निधन हो गया। वाराणसी के प्रकांड विद्वानों में गिने जाने वाले दीक्षित का परिवार महाराष्ट्र के सोलापुर जिले का मूल निवासी था, लेकिन कई पीढ़ियों से वे वाराणसी में ही रह रहे थे। परिजनों ने बताया कि 86 वर्षीय दीक्षित का निधन वृद्धावस्था के कारण हुआ है। उनका अंतिम संस्कार शनिवार को ही वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर कर दिया गया। यहां के चौक इलाके के मंगला गोरी गली में स्थित अपने घर पर आज सुबह पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित ने अंतिम सांस ली।

गंभीर बीमारी से नहीं थे पीड़ित

लक्ष्मीकांत दीक्षित का चयन रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के होने के बाद उनका नाम देश भर में चर्चित हो गया था। उनके निधन पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ समेत कई राजनेताओं ने गहरा दुख जताया है। लक्ष्मीकांत के बेटे सुनील के मुताबिक वे बीती रात तक सामान्य थे। शनिवार सुबह लगभग 6.30 बजे वे सोकर उठे और बाथरूम जाते समय बेहोश होकर गिर गए और उन्होंने दम तोड़ दिया। सुनील का दावा है कि उनके पिता को किसी भी तरह की गंभीर बीमारी नहीं थी।

मक्का की देखभाल करने वाले सालेह भी नहीं रहे

इधर, शनिवार को ही काबा के मुख्य चाबी धारक और देखभालकर्ता शेख सालेह अल शैबी का भी निधन हो गया। उन्हें मक्का के अल मुअल्ला कब्रिस्तान में दफनाया जाएगा। शेख सालेह अल-शैबी पैगंबर मुहम्मद के साथी रहे उथमान बिन तलहा के 109वें उत्तराधिकारी थे। काबा की चाबी पैगंबर ने उथमान बिन ताहला को ही सौंपी थी। इसके बाद से ही मक्का के काबा में ये परंपरा है कि पैगंबर के साथियों के वंशज ही काबा की चाबी प्राप्त कर मुख्य देखभालकर्ता बनते आ रहे हैं। शेख सालेह ने 2013 में काबा के मुख्य देखभालकर्ता का पद संभाला था। शेख एक यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर भी रहे थे और उन्होंने इस्लामी अध्ययन में डॉक्टरेट की उपाधि भी हासिल की थी। उन्होंने धर्म और इतिहास पर कई किताबें लिखी थीं। उनके जिम्मे काबा के प्रबंधन के साथ साथ आगंतुकों के स्वागत की भी जिम्मेदारी थी।

लोगों ने बताया दुर्लभ संयोग

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले मुख्य पुजारी पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित और काबा के मुख्य देखभाल कर्ता शेख सालेह के एक ही दिन निधन को लोग दुर्लभ संयोग से जोड़कर देख रहे हैं। सोशल मीडिया पर दोनों को श्रद्धांजलि देते हुए यूजर्स ने कहा कि दोनों पुण्य आत्माओं का एक ही दिन इस दुनिया से जाना एक ऐसा संयोग है, जो लंबे समय तक लोगों को धार्मिक एकता की प्रेरणा देता रहेगा।

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